UP Weather Update : कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में बादल इतने सूखे रहे कि आधी ही हुई बारिश, कस्बे व शहर को हुआ नुकसान

इस बार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में बारिश आधी ही हुई है। बारिश के मौसम में, शहरों और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सूखे से फसल की पैदावार प्रभावित होने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग ने इस साल के मानसून सीजन के लिए 1 जून से 24 अगस्त तक जारी बारिश का रिकॉर्ड जारी किया है।
बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में स्थिति शुष्क होती जा रही है. प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन में अब तक कानपुर में बारिश की मात्रा में 45 फीसदी और कानपुर देहात में 71 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. बुंदेलखंड क्षेत्र के कई जिलों में यही स्थिति है।
34 वर्षों के बाद वर्षा में भारी कमी देखी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य का मानसून सीजन इस बार जलवायु परिवर्तन के कारण काफी प्रभावित हुआ है. पहली बार बंगाल की खाड़ी से उठे बादल यूपी के बजाय दूसरे राज्य में चले गए।
यही कारण है कि मानसून के मौसम में भी बारिश निर्धारित स्तर तक नहीं पहुंच पाई, जबकि उत्तर प्रदेश के ऊपर से गुजर रहे बादलों ने गुजरात और अन्य राज्यों में भारी बारिश की है।
भारतीय मौसम विभाग ने जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। कहा गया है कि इससे बारिश की स्थिति में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है। जो फसलों और लोगों दोनों के लिए हानिकारक साबित होगा। ऐसी स्थिति 1998 के बाद बनी है।– डॉ. एसएन पांडे, मौसम विज्ञानी सीएसए मौसम विभाग
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने ग्रामीण इलाकों में भी बारिश की स्थिति का आकलन करने के लिए ग्रामीण इलाकों के आसपास के गांवों बिल्हौर, राजपुर और उन्नाव में बारिश के गेज लगाए।
1 जून से 24 अगस्त के बीच कम हुई वर्षा
कानपुर में 45 प्रतिशत
कानपुर देहात में 71 प्रतिशत
बांदा में, 40 प्रतिशत
कन्नौज में 28 प्रतिशत
हरदोई पर 55 प्रतिशत
चित्रकूट में 39 प्रतिशत
फतेहपुर में 48 फीसदी
फर्रुखाबाद में 80 फीसदी