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WhatsApp Honey Trap Scam कई लोगों को कर चुका है कंगाल, जानें डिटेल्स

WhatsApp Honey Trap Scam: इंटरनेट और ऑनलाइन वर्किंग कल्चर के मॉडर्न जमाने में बहुत सारे मुश्किल काम आसान तो हो गए हैं, लेकिन लोगों को धोखा देने, फ्रॉड करने और उनसे पैसे ठगने का काम भी काफी आसान हो गया है. आय दिन साइबर क्रिमिनल्स ऑनलाइन मीडियम के जरिए लोगों को ठगने और ब्लैकमेल करने का कोई ना कई नया तरीका अपनाते रहते हैं.

व्हाट्सऐप साइबर क्रिमिनल्स के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है, जिसके जरिए वो किसी भी स्कैम को आसानी से अंजाम दे देते हैं. ऐसा ही एक नया व्हाट्सऐप स्कैम शुरू हुआ है, जिसका नाम व्हाट्सऐप हनी ट्रैप स्कैम है. इस स्कैम के नाम से आपको थोड़ा बहुत आइडिया लग ही गया होगा कि इसके जरिए लोगों को कैसे ठगा जाता होगा. आइए हम आपको अपने इस आर्टिकल में विस्तार से समझाते हैं कि व्हाट्सऐप हनी ट्रैप स्कैम कैसे काम करता है और इससे यूज़र्स को कैसे बचना चाहिए.

व्हाट्सऐप हनी ट्रैप स्कैम कैसे काम करता है?

 स्टेप 1: इस स्कैम के लिए स्कैमर्स व्हाट्सऐप पर एक नकली प्रोफाइल बनाते हैं और उस प्रोफाइल में लड़कियों की खूबसूरत और काफी आकर्षित तस्वीरें लगाई जाती हैं,  ताकि यूज़र्स उनके मैसेज को देखने के बाद तुरंत रिप्लाई करने का विचार करने लगे. हालांकि यूज़र्स अगर ऐसे नकली प्रोफाइल की डीपी को गौर से देखेंगे तो शायद समझ सकते हैं कि वो प्रोफाइल नकली है.

 स्टेप 1: स्कैमर्स नकली प्रोफाइल के जरिए मैसेज करते हैं, और धीरे-धीरे बातचीत को आगे बढ़ाते हैं. शुरुआत में स्कैमर्स काफी फ्रेंडली व्यहवार का प्रदर्शन करते हैं, ताकि यूज़र्स का भरोसा जीता जा सकते. इस दौरान स्कैमर यूजर के साथ फर्ल्टिंग टॉक भी करते हैं, जिससे आकर्षण में यूजर स्कैमर पर भरोसा कर लेते हैं.

 स्टेप 2: यूजर्स के मन में अपने प्रति भरोसा कायम करने के बाद स्कैमर उन्हें फंसाने के लिए अगली ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं. वो उन्हें ऑडियो और वीडियो कॉल करते हैं. दोस्ताना व्यवहार आगे बढ़ाते हैं और कुछ दिनों में आम यूजर के साथ ऐसा रिलेशनशिप बना लेते हैं, जैसे एक गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड या पति-पत्नी के बीच होता है.

 स्टेप 3: कुछ दिनों के बाद स्कैमर्स यूजर को ऐसी परिस्थिति में लाने की कोशिश करते हैं, जिससे उन्हें बाद में ब्लैकमेल किया जा सके. उदाहरण के तौर पर स्कैमर्स यूज़र्स के साथ किसी दिन रोमांटिक वीडियो कॉल कर कुछ प्राइवेट मूमेट्स की रिकॉर्डिंग कर सकते हैं. 

 स्टेप 4: इसी रिकॉर्डिंग के दम पर स्कैमर्स बाद में यूजर को ब्लैकमेल करते हैं. स्कैमर्स कहते हैं कि अगर उन्हें पैसे नहीं दिए या उनकी जो मांग है उसे पूरा नहीं किया तो वो उस यूजर्स के प्राइवेट मूमेट्स वाले वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया, उनके फ्रेंड्स, रिलेटिव्स या सार्वजनिक कर देंगे. 

उसके बाद यूजर ब्लैकमेल होता जाता है और उस स्कैमर्स को खुद ही लाखों, करोड़ों रुपये भेजता जाता है और उनकी बाकी मांगों को भी पूरा करता रहता है. आपको बता दें कि हमने अपने इस आर्टिकल में ब्लैकमेल करने का सिर्फ एक तरीका बताया है. स्कैमर्स ऐसे कई और भी तरीकों का इस्तेमाल करके ब्लैकमेल करने वाली परिस्थिति बना सकते हैं.

ऐसे स्कैम्स से कैसे बचें?

  • इस तरह के स्कैम्स से बचने के लिए यूज़र्स को काफी सावधान रहने की जरूरत है.
  • यूज़र्स को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन किसी भी अनजान नंबर्स के साथ कॉन्टैक्ट करने से बचें.
  • अगर कॉन्टैक्ट करना है तो उस नंबर के बारे में हर संभव जांच करे कि आपकी बात किससे होने वाली है.
  • किसी भी इंसान से व्हाट्सऐप पर अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर ना करें. 
  • किसी भी अनजान नंबर का वीडियो कॉल रिसीव ना करें, क्योंकि इसके जरिए आपको आसानी से टारगेट बनाया जा सकता है.

अगर आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो आप व्हाट्सऐप में स्कैम की रिपोर्ट कर सकते हैं या पुलिस में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा भारत सरकार ने हाल ही में ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक नए वेब पॉर्टल की शुरुआत की है, जिसका नाम चक्षु है. यूज़र्स भारत सरकार के इस प्लेटफॉर्म पर भी स्कैम होने या किसी के द्वारा फ्रॉड करने की कोशिश करने की भी शिकायत कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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