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घर में दादा-दादी के पास है शाओमी का स्मार्टफोन तो जरूर पढ़ें ये खबर, अब फ्री मिलेगी ये सर्विस

Xiaomi Free Home Service: भारत में बजट स्मार्टफोन खूब खरीदे और बेचे जाते हैं. बजट स्मार्टफोन कई कंपनियां बनाती हैं जिसमें से एक चीनी कंपनी शाओमी भी है. भारत में शाओमी के स्मार्टफोन खूब खरीदे जाते हैं. इस बीच कंपनी ने एक खास प्रोग्राम बुजुर्गो के लिए शुरू किया है जिसके तहत उन्हें मुफ्त में मोबाइल फोन से जुड़ी सेवा घर पर ही प्रदान की जाएगी.

ये है गुड न्यूज 

अगर आपके हर में 60 साल से ऊपर के बुजर्ग मौजूद हैं तो शाओमी उन्हें मुफ्त में मोबाइल फोन से जुड़ी कई समस्या का समाधान घर पर देगा. यदि आपके दादा-दादी या नाना-नानी शाओमी का स्मार्टफोन यूज करते हैं और उनका स्मार्टफोन अचानक खराब हो गया है तो अब कंपनी घर पर ही उन्हें रिपयेर सुविधा देगी. इसके लिए बस आपको शाओमी के वॉट्सऐप नंबर पर कांटेक्ट करना है जो कि 8861826286 है. इसके अलावा कस्टमर केयर से जुडी किसी भी जानकारी के लिए आप 18001036286 नंबर पर कॉल कर सकते हैं. अगर आपके दादा-दादी शाओमी का कोई नया फोन खरीदते है तो इसे सेटअप करने में भी कंपनी आपकी मदद करेगी और एक एजेंट इसके लिए घर पर आएगा जो आपके पुराने फोन का डेटा ट्रांसफर और सोशल मीडिया अकाउंट को नए डिवाइस में मैनेज करने में मदद करेगा. 

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इन शहरों में शुरु हुई ये सर्विस

शाओमी ने ये सर्विस देश के 15 अलग-अलग शहरों में शुरु की है जिसमें चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नोएडा, अहमदाबाद, बैंगलोर, भोपाल, भुवनेश्वर और पुणे शामिल हैं. कंपनी ये सर्विस उन लोगों को प्रदान करेगी जो सर्विस सेंटर के 20 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं.

आप भी ले सकते हैं होम सर्विस लेकिन… 

न सिर्फ बुजुर्ग बल्कि आप भी कंपनी की होम सर्विस अपने मोबाइल फोन आदि के लिए ले सकते है. लेकिन इसके लिए आपको 249 रुपये टैक्स के साथ चुकाने होंगे. हर शहर के हिसाब से ये कीमत अलग-अलग हो सकती है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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