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WhatsApp New Feature: अब वॉयस मैसेज भी हो सकते हैं अपने आप गायब, बस सेटिंग्स करें ये बदलाव

WhatsApp New Feature : वॉट्सऐप हमेशा से ही अपने यूजर्स के लिए यूनिक फीचर्स पेश करता रहा है. कंपनी ने 2021 में व्यू वन फीचर लॉन्च किया था, जिसमें वीडियो एक बार देखने के बाद अपने आप गायब हो जाता था. साथ ही इसी टाइम वॉट्सऐप ने सेल्फ डिस्ट्रक्टिंग मैसेज फीचर भी पेश किया था. अब कंपनी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए वॉयस मैसेज को डिसेपेयरिंग होने का फीचर पेश किया है, जिसमें आप अगर किसी को वॉयस मैसेज करते हैं, तो ये खुद ब खुद अपने आप गायब हो जाएगा.

वॉट्सऐप डिस्पेरिंग वॉयस मैसेज

वॉट्सऐप का ये फीचर व्यू वन फीचर और सेल्फ डिस्ट्रक्टिंग मैसेज फीचर की तरह ही है. इस फीचर को एक्टिव करने के बाद अगर आप किसी परिचित को वॉयस मैसेज करते हैं, तो वो इस मैसेज को एक बार ही सुन सकेगा और इसके बाद आपका वॉयस मैसेज खुद ब खुद डिस्पेयर हो जाएगा. आपको बता दें वॉट्सऐप का वॉयस डिस्पेरिंग मैसेज फिलहाल डेवलपिंग स्टेज में है और इसके चुनिंदा बीटा यूजर्स के लिए ही रोल आउट किया गया है.
 
यह फीचर अभी भी विकास के अधीन है, लेकिन आप इसे Google Play Store से Android 2.23.22.4 अपडेट के लिए WhatsApp बीटा और TestFlight ऐप से iOS 23.21.1.73 अपडेट के लिए WhatsApp बीटा डाउनलोड करके आजमा सकते हैं.

बीटा टेस्टर कैसे एक्टिव करें ये फीचर

  •  WhatsApp चैट खोलें जिसे आप संदेश भेजना चाहते हैं.
  •  माइक्रोफोन बटन पर टैप करके वॉयस मैसेज रिकॉर्ड करें.
  •  रिकॉर्डिंग पूरी होने के बाद, आपको व्यू वन्स आइकन दिखाई देगा. उस पर क्लिक कर दें.
  •  अब आपका वॉइस मैसेज एक बार देखने के लिए सेट है. रिसीवर मैसेज को केवल एक बार ही सुन सकता है और फिर यह अपने आप गायब हो जाएगा.

जल्द आएगा सभी के लिए

वॉइस मैसेज के लिए व्यू वन्स मोड केवल चुनिंदा बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है. इसलिए, यदि आप बीटा प्रोग्राम में नहीं हैं, तो आपको अभी भी इस सुविधा का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. व्हाट्सएप इस सुविधा को जल्द ही सभी यूजर्स के लिए जारी करने की योजना बना रहा है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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