टैकनोलजी

डेबिट-क्रेडिट कार्ड में लगा चिप कैसे करता है काम, यहां समझिए पूरी टेक्नोलॉजी

डेबिट और क्रेडिट कार्डों में लगा चिप (chip) एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है जो कार्ड के साथी इंटरैक्शन को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है. यह चिप कार्ड को बिना जांचे या स्वीप किए तत्पर डिवाइस के साथ संपर्क करके डेटा को सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड ढंग से प्रोसेस करता है. चिप (chip in credit card) कार्ड को संपर्क साधन (contact device) में डालने पर, चिप संपर्क पॉइंट्स के माध्यम से डिवाइस से संपर्क करता है. चिप कार्ड और डिवाइस के बीच सुरक्षित संचार के लिए क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल का उपयोग करता है.

खाते से पैसे निकालने के लिए जरूरी डेटा भेजता है

जब चिप कार्ड संपर्क करता है, उसमें स्टोर डेटा की सत्यापन की प्रक्रिया शुरू होती है. डेटा सत्यापित होने के बाद, डेटा प्रोसेसिंग का अनुमति दी जाती है. यह चिप (chip) इंटरनली संग्रहित लेन-देन जानकारी को डेटा सेंटर या बैंक के साथ कम्यूनिकेट कर सकता है, जहां यह लेन-देन प्रोसेसिंग और सत्यापन के लिए उपयोग होता है. चिप कार्ड उपयोगकर्ता के खाते से पैसे निकालता है और लेन-देन को पूरा करने के लिए आवश्यक डेटा को भेजता है.

अनधिकृत उपयोग के खिलाफ करता है बचाव

चिप कार्ड (How does the chip work in debit-credit card) की हाई सिक्योरिटी होती है, क्योंकि यह डेटा के संचार को एन्क्रिप्ट करता है और पिन (PIN) या अन्य सत्यापन प्रमाणों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, चिप नवीनतम सुरक्षा मानकों का उपयोग करता है जो अनधिकृत उपयोग के खिलाफ बचाव करते हैं.

चिप कार्ड के फायदे

चिप कार्ड की प्रमुख लाभों में सुरक्षित लेन-देन की गारंटी, डेटा की एन्क्रिप्शन, और गैर-प्राधिकृत उपयोग के खिलाफ सुरक्षा होती है. चिप तकनीक ने मैग्नेटिक स्ट्रिप्ड (magnetic striped) कार्डों की जगह ले ली है, जो पहले उपयोग होती थीं. यह उन तत्वों में सुधार करती है जो अनधिकृत उपयोग करके कार्ड सूचना को हानि पहुंचाने की कोशिश करते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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