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‘मेरा बॉयफ्रेंड भाग गया’, जब मृणाल ठाकुर का हुआ था ब्रेकअप, सीता रामम एक्ट्रेस ने बताई थी सच्चा

Mrunal Thakur Love Life: पॉपुलर एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर ने टीवी से फिल्मों की तक की जर्नी को काफी अच्छे से तय किया है. मृणाल फिल्मों में नाम कमा रही हैं. उनकी एक्टिंग फैंस पसंद कर रहे हैं. फिल्मों के अलावा मृणाल पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि एक बार मृणाल के एक्स बॉयफ्रेंड ने उन्हें सिर्फ इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि वो एक एक्ट्रेस हैं.

जब मृणाल ठाकुर का हुआ ब्रेकअप
यूट्यूबर रणवीप अहलाबादिया से बातचीत में मृणाल ने एक्स बॉयफ्रेंड के बारे में बात करते हुए कहा था, “वो भाग गया था. वो कहता था कि ‘तुम बहुत इंपल्सिव हो, मैं इससे डील नहीं कर सकता’, ‘तुम एक एक्ट्रेस हो, मैं इससे डील नहीं कर सकता.’ खैर, मैं समझती हूं कि वो एक बहुत ही रूढ़िवादी बैकग्राउंड से आता है. और मैं उसे ब्लेम नहीं देती, मुझे लगता है कि ये उसकी परवरिश की वजह से है. खैर, एक तरह से, अच्छा है कि ये खत्म हो गया. क्योंकि फ्यूचर में, जब हम अपने बच्चों की परवरिश करते तो उसकी परवरिश और मेरी परवरिश हमारे बच्चों के लिए एक जैसी नहीं होती. बच्चों की हालात ऐसी होती कि ‘ये, क्या हो रहा है.”

मृणाल ठाकुर का वर्क फ्रंट
मृणाल के वर्क फ्रंट की बात करें तो पिछली बार उन्हें फिल्म सीता रामम में देखा गया था. इस फिल्म को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. दुलकर सलमान संग उनकी जोड़ी हिट रही थी. मृणाल की एक्टिंग के फैंस कायल हो गए. इसके अलावा उन्होंने अक्षय की सेल्फी में एक गाने में स्पेशल अपीरियंस दी थी. उन्होंने शाहिद कपूर के साथ जर्सी भी की थी. इस फिल्म को अच्छआ रिस्पॉन्स मिला था, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई थी. अब उनके हाथ में पूजा मेरी जान,पीपा,आंख मिचोली, नानी 30 जैसे प्रोजेक्ट्स हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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