बॉलीवुड और मनोरंजन

जुड़वा बच्चों के नाम ‘पठान’ और ‘जवान’ रखना चाहती है फैन, शाहरुख बोले- ‘प्लीज कुछ और बेहतर..’

Shahrukh At askSRK Session: शाहरुख खान को फिल्म इंडस्ट्री में 31 साल पूरे हो गए हैं. फिल्म दीवाना से डेब्यू करने वाले शाहरुख खान ने इन 31 सालों में एक से एक धमाकेदार फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन किया और अपनी एक्टिंग से लोगों को अपना दीवाना बना लिया. बॉलीवुड में अपने एक्टिंग करियर के 31 साल पूरे होने के मौके पर शाहरुख खान ने ट्विटर पर askSRK सेशन चलाया और अपने फैंस के सवालों का जवाब दिया.

शाहरुख खान की फैन फॉलोइंग की लंबी लिस्ट है और ऐसे में askSRK सेशन के दौरान फैंस ने अपने हीरो से कई सवाल पूछे. इनमें से ही एक फीमेल फैन ने शाहरुख से उन्हें बधाई देने के लिए कहा क्योंकि वो जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली हैं. महिला ने ट्वीट कर ये भी बताया कि वे अपने बच्चों का नाम पठान और जवान रखेंगी.

फैन ने की खास फरमाइश!
शाहरुख खान के askSRK सेशन में महिला ने ट्वीट करते हुए लिखा-सर, मैं जुड़वां बच्चों की मां बनने वाली हूं..मुझे बधाई दें, मैं उनका नाम पठान और जवान रखूंगी. इस पर शाहरुख ने अपने फैन को जवाब देते हुए लिखा- बधाई, लेकिन प्लीज उन्हें कुछ बेहतर नाम दें!!

फैंस के लिए चला रहे askSRK सेशन
बता दें कि किंग खान इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म जवान को लेकर काफी चर्चा में हैं. फैंस को उनकी इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है. वहीं इस बीच शाहरूख खान भी अपने फैंस के लिए काफी डेडीकेटेड दिखाई दे रहे हैं और अपने बिजी शेड्यूल में से उनके लिए भी थोड़ा वक्त निकालकर askSRK सेशन चला रहे हैं.

सितंबर में रिलीज होगी पठान
शाहरुख खान की फिल्म जवान इसी साल जून में रिलीज होने वाली थी लेकिन अब फिल्म की रिलीज सितंबर तक के लिए टाल दी गई है. फिल्म 7 सितंबर को रिलीज होगी. जवान में शाहरुख खान के साथ नयनतारा लीड रोल अदा करती दिखाई देंगी. वहीं विजय सेतुपति भी फिल्म में दिखाई देंगे. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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