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‘द केरला स्टोरी’ के विवाद के बीच अदा शर्मा ने मंदिर में गाया शिव तांडव, मिनटों में वायरल वीडियो

The Kerala Story Adah Sharma: बी टाउन की मशहूर एक्ट्रेस अदा शर्मा इन दिनों अपनी फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. अदा की ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story) सिनेमाघरों से लेकर बॉक्स ऑफिस तक मजबूत पकड़ बनाए हुए है. वहीं दूसरी देश के कई राज्यों में इस फिल्म को बैन किया गया है. लेकिन अपनी सफलता के आगे ‘द केरला स्टोरी’ ने हर चुनौती को पार किया है. इस बीच ‘द केरला स्टोरी’ की लीड एक्ट्रेस अदा शर्मा (Adah Sharma) का एक लेटेस्ट वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वह मंदिर शिव तांडव गाती हुई नजर आ रही हैं. 

अदा ने गाया शिव तांडव

गुरुवार को अदा शर्मा ने अपने ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर एक लेटेस्ट वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि पीले कलर के शूट में अदा शिव मंदिर में बैठी हुईं हैं. इस दौरान अपनी सुरीली आवाज में अदा पूरा शिव तांडव गाती हुईं भी दिखाई दे रही हैं. एक सांस में जिस तरीके से बिना रुके और अटके अदा ने ये शिव तांडव गाया है. उसे देखकर यकीनन आप भी उनकी तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाएंगे.

पहले फिल्म ‘द केरला स्टोरी’  में अपनी कमाल की एक्टिंग की छाप छोड़ने वालीं अदा ने हर किसी का दिल जीता है और अब इस शिव तांडव गाकर फैंस को अदा ने डबल सरप्राइज दिया है. सोशल मीडिया पर अदा शर्मा का ये वीडियो काफी ज्यादा पंसद किया जा रहा है. 




फैंस ने दिए ऐसे रिएक्शन

अदा शर्मा (Adah Sharma) के इस वीडियो को देखकर एक यूजर ने कमेंट कर लिखा है- ‘एक ही दिल है उसे अदा आप कितनी बार जीतोगी, पहले फिल्म द केरला स्टोरी और अब शिव तांडव कमाल है.’ दूसरे यूजर ने लिखा है कि- ‘मैम आप बहुत बहादुर हो, फिल्म द केरला स्टोरी देखने के बाद हर लड़की आपकी कदर करेगी.’ ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक रिलीज के 6 दिन में अदा शर्मा की फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story) ने बॉक्स ऑफिस पर 68.86 करोड़ की शानदार कमाई कर ली है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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