टैकनोलजी

अब Paytm के ये यूजर्स भी कर सकेंगे UPI Lite का इस्तेमाल, जानिए इस फीचर से आपको क्या फायदा होगा?

Paytm : अगर आप आईफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने आईओएस यूजर्स के लिए पेटीएम यूपीआई लाइट (Paytm UPI Lite) सपोर्ट शुरू कर दिया है. यूपीआई लाइट फीचर आईफोन यूजर्स को बिना यूपीआई पिन डाले सुरक्षित और फास्ट लेनदेन करने की अनुमति देगा. आईओएस यूजर्स यूपीआई लाइट सपोर्ट के साथ पेटीएम पर कुछ अन्य फीचर्स भी मिले हैं, जिसमें पेटीएम में यूपीआई पर रुपे क्रेडिट कार्ड, स्प्लिट बिल और मोबाइल नंबरों को छिपाने वाली वैकल्पिक यूपीआई आईडी शामिल हैं.

यूपीआई लाइट क्या है?

UPI लाइट एक ऑन-डिवाइस वॉलेट बनाकर काम करता है, जिसका इस्तेमाल 2000 रुपये तक स्टोर करने के लिए किया जा सकता है. यह सुविधा पेटीएम और फोनपे सहित कई लोकप्रिय भुगतान ऐप पर उपलब्ध है. बता दें, पेटीएम अपने सुपर ऐप पर UPI लाइट लॉन्च करने वाला पहला पेमेंट बैंक था. अब, यह यूपीआई लाइट को आईओएस प्लेटफॉर्म पर भी पेश कर दिया गया है.

डेली यूसेज है 4,000 रुपये

एक बार यूपीआई लाइट सेट हो जाने के बाद यूजर्स बिना किसी परेशानी के 200 रुपये तक का इंस्टेंट और सुरक्षित लेनदेन कर सकते हैं. एक यूजर दिन में दो बार यूपीआई लाइट में 2,000 रुपये तक जोड़ सकता है, जिसका मतलब है कि कुल डेली यूसेज 4,000 रुपये तक हो सकता है.

आईफोन पर पेटीएम यूपीआई लाइट का इस्तेमाल कैसे करें?

  • पेटीएम ऐप खोलें.
  • होम स्क्रीन पर “यूपीआई लाइट” आइकन पर टैप करें.
  • अपनी बैंक अकाउंट डिटेल दर्ज करें और कन्फर्म करें.
  • अपने यूपीआई लाइट वॉलेट में पैसे जोड़ें.
  • पेमेंट करने के लिए, “यूपीआई लाइट” विकल्प चुनें.
  • रिसीवर की यूपीआई आईडी दर्ज करें या उनका क्यूआर कोड स्कैन करें.
  • वह राशि दर्ज करें जिसका आप भुगतान करना चाहते हैं.
  • अब “Pay” पर टैप करें.

यह भी पढ़ें – Pixel 7a लॉन्च होने के बाद काफी सस्ता हो गया Pixel 6a, लेकिन क्या आपको इसे खरीदना चाहिए?

News Reels

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button