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क्या आपके WhatsApp पर Meta AI एक्टिवेड हुआ? अगर नहीं तो जानिए- कैसे पा सकते हैं

How to Get Meta AI on WhatsApp: मेटा के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने कुछ दिन पहले वॉट्सएप में एक नई सर्विस की शुरुआत की है, जिसका नाम मेटा एआई है. मेटा एआई मेटा की एक चैटबॉट सर्विस है, जिसका इस्तेमाल यूज़र्स ठीक वैसे ही कर सकते हैं, जैसे कि वो ओपनएआई  (OpenAI) के चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) और गूगल के चैटबॉट जेमिनी (Gemini AI) का करते आए हैं. मेटा एआई बाकी एआई चैटबॉट से थोड़ा अलग इसलिए है, क्योंकि इसकी सर्विस दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेंजिंग ऐप वॉट्सएप के अंदर ही मिलती है. इस कारण यूज़र्स के लिए बाकी एआई चैटबॉट सर्विस के मुकाबले मेटा एआई चैटबॉट का इस्तेमाल करना ज्यादा आसान हो जाता है.

मेटा एआई की पूरी जानकारी

मेटा ने कुछ दिन पहले वॉट्सएप में मेटा एआई को रोलआउट करना शुरू किया है. हालांकि, मेटा ने फिलहाल अपनी इस एआई चैटबॉट सर्विस को बीटा वर्ज़न में ही रिलीज किया है, और इसलिए इस वक्त वॉट्सएप के कुछ चुनिंदा एंड्रॉयड और आईओएस यूज़र्स ही मेटा एआई का इस्तेमाल कर पा रहे हैं. अगर आपके वॉट्सएप अकाउंट में मेटा एआई का अपडेट नहीं आया है, तो आपको कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा. मेटा धीरे-धीरे सभी वॉट्सएप यूज़र्स को मेटा एआई की सुविधा मुहैया कराएगा. लिहाजा, आपको वॉट्सएप में मेटा एआई अपडेट के आने का इंतजार करना पड़ेगा.

हालांकि, अगर आपके वॉट्सएप अकाउंट पर मेटा एआई अपडेट आ गया है, तो आइए हम आपको बताते हैं कि मेटा एआई से कैसे चैट करना है, कैसे किसी भी सवाल का जवाब पूछना है और कैसे मेटा एआई वॉट्सएप के जरिए आपकी मुश्किलों को आसान बना सकता है. 

मेटा एआई क्या है?

मेटा एआई लार्ज लैंग्वेज मॉडल यानी (LLMs) पर बेस्ड एक एआई चैटबॉट मॉडल है. यह अपनी एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके यूज़र्स द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का विस्तार में उत्तर देती है. मेटा एआई ठीक चैटजीपीटी और जेमिनी की तरह ही काम करती है, लेकिन उनके लिए यूज़र्स को अलग से एक ऐप डाउनलोड करना पड़ता है, लेकिन मेटा एआई के लिए ऐसा नहीं है. मेटा एआई की सर्विस मेटा के मैसेंजिंग ऐप वॉट्सएप में ही मिलती है, और यही चीज यूज़र्स के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक है.

मेटा एआई सर्विस मिली है या नहीं – कैसे पता लगाएं?

वॉट्सएप में मेटा एआई का यूज़ करने के लिए सबसे पहले आपको पता लगाना होगा कि आपके वॉट्सएप प्रोफाइल में मेटा एआई सर्विस आई है या नहीं.  इसके लिए आपको अपना वॉट्सएप अकाउंट अपडेट करना होगा. वॉट्सएप अपडेट करने के बाद अगर आपके वॉट्सएप में मेटा एआई सर्विस आई होगी तो, आपको आपके वॉट्सएप चैट इंटरफेस के टॉप पर पर्पल और ब्लू कलर की शेड्स में एक सर्कुलर आइकन दिखाई देगा.  इसका मतलब है कि आपके अकाउंट में मेटा एआई आ चुका है और अगर वो आइकन दिखाई नहीं दे रहा तो इसका मतलब आपको अभी इंतजार करना पड़ेगा.

मेटा एआई का इस्तेमाल कैसे करें?

इसके अलावा यूज़र्स किसी पर्सनल या ग्रुप चैट में जाकर @MetaAI टाइप करेंगे तो भी मेटा एआई सर्विस का इस्तेमाल कर पाएंगे. अगर यूज़र्स के ऐसा लिखने के बाद मेटा एआई की सर्विस नहीं मिल रही है, तो मतलब है कि उन्हें अभी तक मेटा एआई सर्विस उपलब्ध नहीं कराई गई है. मेटा एआई के आइकन पर क्लिक या @MetaAI करते ही यूज़र्स मेटा एआई का इस्तेमाल कर पाएंगे. यूज़र्स उसमें अपना कोई भी सवाल लिखकर पूछ सकते हैं, एआई इमेज जेनरेट कर सकते हैं.

मेटा एआई के टॉप फीचर्स

  • मेटा एआई का इस्तेमाल यूज़र्स बहुत सारी चीजों के लिए कर सकते हैं. अगर आप अपने लिए कोई ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो वॉट्सएप में जाकर मेटा एआई से ट्रिप की जगह, होटल, खाना, जाना का रास्ता, ट्रैवलिंग प्लान आदि कुछ भी पूछ सकते हैं. 
  • ऐसा ही अगर किसी चीज के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप वो भी वॉइस कमांड से पूछकर या लिखकर जान सकते हैं.
  • अगर आप एआई इमेज बनवाना चाहते हैं, तो आप मेटा एआई के जरिए वो भी बनवा सकते हैं.
  • अगर आप स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप या कोई भी अन्य सामान खरीदना चाहते हैं, तो उसकी डिटेल्स भी मेटा एआई से पूछ सकते हैं.

ये सब तो बस कुछ उदाहरण हैं. आप मेटा एआई के जरिए इसी तरह के कई फायदे उठा सकते हैं. मार्क ज़ुकरबर्ग ने फिलहाल मेटा एआई को सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही लॉन्च किया है, लेकिन जल्द ही इसे अन्य भाषाओं में भी पेश किया जाएगा. इसके अलावा मार्क ज़ुकरबर्ग ने मेटा एआई को कुछ चुनिंदा यूज़र्स के लिए लॉन्च करने के कुछ दिन बाद ही मेटा एआई चैटबॉट मॉडल का एक असिस्टेंट एआई अपडेट भी पेश कर दिया, जिसका नाम Llama-3 है. Llama-3 मेटा एआई का एक असिस्टेंट है, जो यूज़र्स द्वारा दिए गए कमांड को पूरा करने में मेटा एआई की मदद करता है.

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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