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दिव्या दत्ता को फिल्मी दुनिया में नहीं देखना चाहते थे धर्मेंद्र! लेजेंड ने कही थी ये बात

Dharmendra Stoppped Divya Dutta To Work In B-Town: एक्ट्रेस दिव्या दत्ता ने टीवी से लेकर फिल्मी पर्दे पर अपनी एक्टिंग का जौहर दिखाया है. एक्ट्रेस आखिरी बार कंगना रनौत की फिल्म धाकड़ में भी नजर आई थीं. अपने बॉलीवुड करियर को दिव्या ने ढेर सारी कमाल की फिल्मों से सजाया है. उन्होंने करियर में एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट्स में काम किया है. एक्ट्रेस ने साल 1994 में फिल्म ‘इश्क में जीना इश्क में मरना’ फिल्म से डेब्यू किया था. 1995 में दिव्या ने फिल्म ‘वीरगती’ में लीड  रोल प्ले किया था. शाहरुख के साथ फिल्म ‘वीर जारा’ में शब्बो का किरदार उनके लिए वरदान साबित हुआ. इसके बाद ‘वेलकम टु सज्जनपुर’ और ‘दिल्ली 6’ से दिव्या ने फैंस का दिल जीत लिया.

टीवी शो शन्नो की शादी से बनी थीं दर्शकों की फेवरेट
वहीं टेलीविजन पर एक्ट्रेस शन्नो के नाम से पॉपुलर हुईं. टीवी शो ‘शन्नो की शादी’ में दिव्या फैंस को बहुत क्यूट लगी थीं. दर्शकों के बीच इतना प्यार पाने वालीं एक्ट्रेस दिव्या अगर उस दिन लेजेंड धर्मेंद्र की बात मान कर फिल्मी दुनिया में कदम न रखती तो उन्हें ये मुकाम कभी हासिल न हो पाता. इसके लिए खुद धर्मेंद्र शुक्रगुजार हैं. लेजेंड ने खुद कहा था कि शुक्र है कि दिव्या ने उस दिन उनकी बात नहीं सुनी.

जब दिव्या ने नहीं सुनी थी धर्मेंद्र की बात
दिव्या ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वे कनाडा गई थीं. कनाडा में धर्मेंद्र को एक इवेंट के दौरान लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना था. ये अवॉर्ड दिव्या दत्ता ने उन्हें रेप्रेजेंट किया था. उस वक्त धर्मेंद्र ने दिव्या के हाथ से माइक लिया और  कहा था- ‘मैं कुछ कहना चाहता हूं.’ इसके बाद धर्मेंद्र ने कहा था-‘जब दिव्या ने फिल्म इंडस्ट्री जॉइन की मैं तब इस पक्ष में नहीं था. मैंने इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित नहीं किया. लेकिन आज मैं खुश हूं  कि दिव्या ने मेरी बात नहीं सुनी.’ दिव्या ने बताया था कि उस वक्त उन्हें ये एक बहुत बड़ा ऑनर लगा था.

 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिव्या ने आगे कहा – ‘वो समय बहुत अलग था. 25 साल पहले हर कोई बहुत प्रोटेक्टिव हुआ करता था. क्योंकि इंडस्ट्री में उतनी आसान चीजें नहीं थी. लेकिन आज मुझे अच्छा फील हुआ और एक वैलेडेशन मिल गई.’ बता दें, दिव्या दत्ता और धर्मेंद्र का गांव एक ही है. दोनों साहनेवाल के ही रहने वाले हैं. दिव्या की मॉम धर्मेंद्र की मुंह बोली बहन थीं.’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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