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स्मार्टफोन चोरों की शामत! सरकार इस हफ्ते लॉन्च करेगी नया मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम

Indian Mobile Block Tracking System : चोरी हुए स्मार्टफोन का पता लगाने के लिए भारत सरकार शानदार बंदोबस्त कर रही है. भारतीय सरकार बहुत जल्द एक नया ‘मोबइल ट्रैकिंग सिस्टम’ लेकर आ रही है, जिसके माध्यम से आप अपने चोरी हुए स्मार्टफोन को आसानी से ढूंढ सकेंगे. इस सिस्टम का नाम सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) है. इस सिस्टम की खास बात यह है कि यह आपको न केवल चोरी या खोए हुए फोन को ब्लॉक करने की सुविधा देता है बल्कि इसके जरिए आप अपने खोए हुए या चोरी हुए फोन को ट्रैक भी कर सकते हैं.  

कब लॉन्च होगा प्लेटफार्म?

पहले कहा जा रहा था कि सरकार इस प्लेटफॉर्म को इसी हफ्ते लॉन्च कर सकती है. लेकिन, अब खबर सामने आई है कि सरकार 17 मई से सभी के लिए इस प्लेटफार्म को ओपन करने वाली है. इस तारीख के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है. हालांकि, किसी अधिकारी ने तारीख की पुष्टि नहीं की है. सीईआईआर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इस सिस्टम को इसी साल मार्च में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात कर दिया गया था. लेकिन ऐसा लगता है कि इस महीने से सभी जिलों में भी इसका व्यापक रोलआउट किया जाएगा.

नो योर मोबाइल ऐप आयेगी आपके काम

CEIR बेसिकली फोन चोरी हो जाने पर नागरिकों को अपने स्मार्टफोन को ब्लॉक करने की सुविधा देता है. एक बार मोबाइल ब्लॉक हो जाने के बाद, सरकार फोन को ट्रैक करती है और फोन का पता लगाकर नागरिक को वापस कर देती है. अगर आपका स्मार्टफोन खो गया है तो आप  CEIR वेबसाइट पर जा सकते हैं. इसके अलावा, KYM (नो योर मोबाइल) ऐप के माध्यम से भी स्मार्टफोन को ब्लॉक कर सकते हैं. यह एप Play Store और iOS दोनों के लिए अवेलेबल है. अगर आपको आपका खोया या चोरी हुआ फोन वापस मिल जाता है तो आप CEIR वेबसाइट के अनब्लॉक विकल्प से अपने डिवाइस को अनब्लॉक भी कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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