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WhatsApp ने 31 दिन में बंद किए 74 लाख से ज्यादा अकाउंट, इन गलतियों पर माफ नहीं करती कंपनी

WhatsApp user safety report august: सोशल मीडिया कंपनी वॉट्सऐप ने भारत में अगस्त महीने में 74 लाख से ज्यादा इंडियन अकाउंट्स को बैन किया है. कंपनी ने ये कार्रवाई आईटी रूल 2021 के तहत की है. ये सभी अकाउंट किसी न किसी गलत कार्य में शामिल थे. कंपनी ने 1 अगस्त 2023 से लेकर 31 अगस्त 2023 के बीच 74,20,748 अकाउंट्स को बैन किया है. इसमें से 35,06,905 अकाउंट्स को वॉट्सऐप ने बिना किसी शिकायत के खुद की कार्रवाई के तहत बैन किया है. ऐसा कंपनी अपनी पॉलिसी के तहत और प्लेटफॉर्म को सेफ बनाएं रखने के लिए करती है.

अगस्त महीने में कंपनी को 14,767 शिकायत रिपोर्टें प्राप्त हुईं जिनमें से कंपनी ने 17 खातों के खिलाफ कार्रवाई की. वॉट्सऐप हानिकारक या अपमानजनक खातों का पता लगाने के लिए किसी खाते के जीवन चक्र में तीन प्रमुख चरणों पर काम करता है: रजिस्ट्रेशन, मैसेज और नेगेटिव मेसेजेस पर रिस्पॉन्स, जो इसे यूजर्स रिपोर्ट और ब्लॉक के रूप में प्राप्त होती है.

इससे पिछले महीने,1 से 31 जुलाई के बीच कंपनी ने 72,28,000 वॉट्सऐप अकाउंट पर प्रतिबंध लगाया था जिसमें से 31,08,000 खातों को बिना किसी शिकायत के पहले ही कंपनी ने बैन कर दिया गया था.

ये गलतियां करने पर सीधे बैन होता है अकाउंट 

अगर आप वॉट्सऐप के जरिए किसी गलत काम में लिप्त हैं तो कंपनी आपके अकाउंट को किसी भी वक्त बैन कर सकती है. प्लेटफॉर्म पर गंदे मेसेजेस, ब्लैक मेलिंग, स्पैम, फेक जॉब, फ्रॉड आदि जैसी सभी गतिविधियां बैन है. साथ नहीं न्यूडिटी पर भी कंपनी एक्शन लेती है. अगर आप इस तरह का काम वॉट्सऐप पर कर रहे हैं तो कंपनी आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर सकती है.

नए फीचर्स पर चल रहा काम 

प्लेटफॉर्म को सेफ रखने के साथ-साथ वॉट्सऐप यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाये रखने के लिए ऐप में नए फीचर्स जोड़ रहा है. हाल ही में कंपनी ने चैनल फीचर ऐप में जोड़ा है. इसकी मदद से आप अपने मनपसंद सेलेब्स, क्रिएटर और संस्थानों के साथ जुड़ सकते हैं. आने वाले समय में ऐप में यूजरनेम, मल्टी अकाउंट और कई नए फीचर्स जुड़ने वाले हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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