

- भारतीय खाना रोटी या चावल या दोनों के बिना अधूरा है। यह दोनों हमारे नाश्ते से लेकर रात के खाने तक का हिस्सा है। हालांकि सेहत के लिए फिक्रमंद लोग हमेशा इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि खाने में रोटी खानी चाहिए या चावल। वह समय-समय पर इसे बारे में पूछते भी रहते हैं कि दिनचर्या में दोनों में से किसे शामिल करके अधिक पोषण मिल सकता है। या रोजाना खाना हमारे लिए सेहतमंद हैं भी या नहीं। अगर आप भी इस उलझन में हैं तो आज इस स्लाइड शो के माध्यम से आप जान पायेगें कि अच्छे स्वास्थ्य के लिये आपको चावल को ज्यादा अहमियत देनी चाहिये या फिर रोटी को?
मोटापा से बचने के लिए
चावल आसानी से पच जाता है क्योकि इसमें स्टार्च की मात्रा होती है, वहीं चपाती देर से पचती है। हालांकि, इसकी वजह से आपको देर से भूख लगती है। वजन का ख्याल रखने वालों के लिए यह बेहद अहम है। इसके अलावा चावल में रोटी के मुकाबले फैट अधिक होता है। इसलिए मोटापे और थायरायड से ग्रस्त लोगों को चावल से दूर रहने के लिए बोला जाता है। अगर आप डायटिंग कर रहे हैं तो चावल स दूरी बनाकर रखें।
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पोषक तत्वों के लिए
रोटी में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम जैसे मिनरल्स पाये जाते हैं। हालांकि चावल में हमें रोटी जितना ही आयरन मिलता है। लेकिन चावल में फॉस्फोरस, पोटेशियम और मैग्नीशियम की मात्रा रोटी के मुकाबले कम होती है। चावल में कैल्शियम नहीं होता। रोटी में चावल के मुकाबले ज्यादा फाइबर, प्रोटीन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और सोडियम मिलता है। चावल में सोडियम नहीं होता। जहां तक विटामिन की बात है, रोटी और चावल, दोनों में फोलेट मिलता है। यह पानी में घुलनशील विटामिन बी है। हालांकि, फोलेट के लिए चावल रोटी के मुकाबले ज्यादा बेहतर स्रोत है।
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पाचनक्रिया को दुरुस्त रखने के लिए
रोटी और चावल, दोनों में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा समान रहती है। लेकिन चावल में कम कार्बोहाइड्रेट होता है और वहीं पर रोटी में संयुक्त कार्बोहाड्रेट शामिल होता है। इसलिये अगर आप चावल खाते हैं तो उसमें रोटी की तुलना में कार्बोहाइड्रेट को ब्रेक करने के लिये कम ऊर्जा का प्रयोग होता है। वह व्यक्ति जिसका पेट ठीक नहीं रहता और पाचनक्रिया में समस्या रहती है, उसके लिये चावल बेहतर विकल्प है।
ब्लड शुगर के स्तर के लिएचावल और गेहूं, दोनों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक सा होता है। यानी दोनों को खाने से ब्लड शुगर का लेवल एक जैसा ही बढ़ता है। मतलब अगर आप खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखते हैं तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या खाते हैं। अगर आप एक रोटी और एक छोटी कटोरी चावल खाते हैं तो यह पूरी तरह से सही है। इसलिए चावल छोड़ने की जरूरत नहीं है। बस चावल की मात्रा नियंत्रित लें।