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क्या होती है shoulder-surfing, एप्पल कैसे सुरक्षित करेगा इससे आईफोन यूजर्स को? यहां जानिए डिटेल

Shoulder-Surfing : कंधे से कंधा मिलाकर चलना वैसे तो आपसी सहयोग का प्रतीक है. लेकिन आजकल यही तहजीब स्कैमर्स के लिए राहत और आपके लिए मुसीबत हो गई है. दरअसल, यहां हम बात कर रहे हैं शोल्डर सर्फिंग स्कैम की, जिसमें स्कैमर्स आपके आसपास खड़े होगर निजी जानकारी चुरा लेते हैं और आपको कंगाल बना देते हैं.

अगर आपने इससे पहले शोल्डर सर्फिंग स्कैम के बारे में नहीं सुना है, तो अब आपको बड़े ध्यान से इस खबर को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए कि स्कैमर्स किस तरीके से कंधे से कंधा मिलाकर आपको चूना लगा सकते हैं. ये स्कैम मुख्त तौर पर एटीएम केबिन, कॉफी शॉप, रेस्टोरेंट और कम भीड़-भाड़ वाली जगह पर अंजाम दिया जाता है.

क्या होता है शोल्डर सर्फिंग स्कैम

इस स्कैम में स्कैमर्स आपके आसपास आकर खड़े हो जाते हैं और जब आप मोबाइल टैबलेट या किसी दूसरे गैजेट्स में अपनी निजी जानकारी फिल कर रहे होते हैं, तो ये उसकी रिकॉर्डिंग कर लेते हैं या उसे याद कर लेते हैं. इसके बाद स्कैमर्स उस जानकारी के जरिए आपको चूना लगाते हैं.

एप्पल कैसे करेगा शोल्डर सर्फिंग से आपको सुरक्षित

एप्प्ल इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार एप्पल ने हाल ही में स्क्रीन की प्रोटेक्शन के लिए प्राइवेसी फिल्म का पेटेंट कराया है, जिसमें एप्पल आपको शोल्डर सर्फिंग से बचाएगी. दरसअल इस पेटेंट के अनुसार एप्पल स्क्रीन और डिस्प्ले के बीच में एक क्रिस्टल पदार्थ भी डाल सकती है, जो आपके एक निश्चित व्यू एंगल से क्लियर इमेज दिखाएगा. अगर आप इसे किसी ओर एंगल से देखते हैं, तो आपको आईफोन की स्क्रीन क्लियर दिखाई नहीं देगी. आपको बता दें एप्पल की ये फेसिलिटी आने वाले आईफोन 16 में आपको मिल सकती है. वहीं एप्पल की ओर से अभी नहीं बताया गया है कि ये डिस्प्ले कब तक आईफोन के लिए रिलीज की जाएगी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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