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Google ने नया वर्चुअल ट्राय-ऑन फॉर अपैरल टूल पेश किया, खरीदारी से पहले ट्राई कराएगा

गूगल (Google) ने एक नया वर्चुअल ट्राय-ऑन फॉर अपैरल टूल पेश किया है, जो जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर यूजर्स को कपड़े दिखाता है और उन्हें अलग-अलग तरह के बॉडी का चयन करने का विकल्प भी देता है. टेक जायंट ने बुधवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि सर्च पर हमारे नए वर्चुअल ट्राय-ऑन टूल से आप इसे खरीदने से पहले देख सकते हैं कि पीस आपके लिए सही है या नहीं.

कैसे करता है काम

खबर के मुताबिक, हमारा नया जेनेरेटिव एआई मॉडल सिर्फ एक क्लॉथिंग इमेज ले सकता है और सटीक रूप से रिफ्लेक्ट करता है कि यह कैसे विभिन्न पोज में वास्तविक मॉडल के सेट पर ड्रेप, फोल्ड, सीलिंग, स्ट्रैच और फॉर्म रिंकल्स और शैडो बनाएगा. यूजर्स अलग-अलग स्किन टोन, बॉडी शेप और हेयर टाइप के एक्सएक्सएस-4एक्सएल साइज के लोगों का चयन कर सकते हैं.

प्रोडक्ट को रिफाइन कर सकते हैं

अमेरिकी शॉपर्स अब एंथ्रोपोलोजी, एवरलेन, एचएंडएम और एलओएफटी सहित गूगल (Google) के ब्रांडों से महिलाओं के टॉप्स को विजुअल ट्राई कर सकते हैं. फीचर का इस्तेमाल करने के लिए, यूजर्स सर्च पर ट्राई ऑन बैज वाले प्रोडक्ट्स को टैप कर सकते हैं और उस मॉडल का चयन कर सकते हैं जो उनके जैसा है. टेक जायंट ने अनाउंसमेंट की कि अमेरिकी खरीदार अब कलर, स्टाइल और पैटर्न जैसे इनपुट का इस्तेमाल कर प्रोडक्ट को रिफाइन कर सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा, और एक स्टोर में खरीदारी के अलावा, आप एक रिटेलर तक सीमित नहीं हैं: आप पूरे वेब पर स्टोर के ऑप्शन देखेंगे. यह फीचर प्रोडक्ट लिस्ट के अंदर टॉप पर उपलब्ध है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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