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फटाफट अपडेट कर लें Google Chrome, इग्नोर करने पर लीक हो सकती हैं निजी डिटेल्स

गूगल ने अपने वेब ब्राउजर गूगल क्रोम के लिए विंडो, मैक और लिनक्स पर एक सिक्योरिटी अपडेट जारी किया है. अगर आप ये वेब ब्राउजर यूज करते हैं तो फौरन इसे अपडेट कर लें. इस अपडेट को जीरो डे वल्नरेबिलिटी जिसे CVE-2023-6345 नाम दिया गया है, के लिए जारी किया गया है. इस वल्नरेबिलिटी की वजह से अटैकर्स आपके सिस्टम में पहुंच और निजी डेटा को एक्सेस कर सकते हैं. द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबक, मंगलवार को, Google ने Chrome स्थिर चैनल अपडेट में पुष्टि की कि वह जानता है कि CVE-2023-6345 नाम की एक वल्नरेबिलिटी ब्राउजर में मौजूद है जो यूजर्स के डेटा को लीक कर सकती है. इस वल्नरेबिलिटी की खोज 24 नवंबर को Google के थ्रेट विश्लेषण समूह (TAG) के भीतर काम करने वाले दो सुरक्षा शोधकर्ताओं द्वारा की गई थी.

2D ग्राफिक लाइब्रेरी को कर रहा प्रभावित

द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, CVE-2023-6345 एक पूर्णांक अतिप्रवाह कमजोरी है जो क्रोम ग्राफिक्स इंजन के भीतर ओपन-सोर्स 2D ग्राफिक्स लाइब्रेरी, स्किया को प्रभावित करती है. क्रोम अपडेट पर नोट्स के अनुसार, इस वल्नरेबिलिटी ने कम से कम एक हमलावर को संभावित रूप से एक दुर्भावनापूर्ण फ़ाइल के माध्यम से सैंडबॉक्स एस्केप की अनुमति दी. सैंडबॉक्स एस्केप का उपयोग कमजोर सिस्टम को दुर्भावनापूर्ण कोड से संक्रमित करने और संवेदनशील यूजर्स डेटा चुराने के लिए किया जा सकता है. 

इस तरह करें अपडेट 

अगर आपने अपने गूगल Chrome ब्राउज़र को पहले से ही स्वचालित रूप से अपडेट होने के लिए सेट किया हुआ है तो आपको कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है. अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो आपको Google Chrome सेटिंग्स के भीतर लेटस्ट वर्जन (मैक और लिनक्स के लिए 119.0.6045.199 और विंडोज के लिए 119.0.6045.200) को मैन्युअल रूप से अपडेट करना होगा. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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