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WhatsApp पर जल्द आएगा एडमिन रिव्यू फीचर, एडमिंस को मिलेगी पावर और मेंबर्स को होगा ये फायदा

WhatsApp Update : शायद ही कोई ऐसा सप्ताह जाता होगा, जब वॉट्सएप के नए अपडेट या फीचर की डिटेल न मिलती हों. प्लेटफार्म लगातार खुद को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है. अब  मेटा-स्वामित्व वाला वॉट्सएप कथित तौर पर एंड्रॉइड के लिए एक नए फीचर पर काम कर रहा है. इस नए फीचर का नाम ‘एडमिन रिव्यू’ है. इस फीचर के तहत ग्रुप एडमिन को उनके ग्रुप को बेहतर ढंग से मॉडरेट करने में मदद मिलेगी. यह नया फीचर एडमिन को अधिक रिस्पॉन्सिबल बना देगा, और साथ ही एक नई पावर भी देगा. आइए इस नए फीचर की डिटेल जानते हैं. 

ग्रुप एडमिन को मिलेगी नई रिस्पांसिबिलिटी 

WABetaInfo की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, एडमिन रिव्यू फीचर के इनेबल होने पर ग्रुप मेंबर्स किसी खास मैसेज की ग्रुप एडमिन को रिपोर्ट कर सकेंगे. सरल शब्दों में बताया जाए, तो अगर ग्रुप में कोई ऐसा मैसेज आता है, जो आपको पसंद नहीं आता तो आप उस मैसेज की रिपोर्ट ग्रुप एडमिन को कर पाएंगे. रिपोर्ट होने के बाद, ग्रुप एडमिन उस मैसेज पर एक्शन ले सकेंगे.

अब एक्शन के तौर पर एडमिन मैसेज को डिलीट भी कर सकते है या फिर मैसेज करने वाले शख्स को ग्रुप से रिमूव भी कर सकते हैं. इससे ग्रुप में एक बेहतर माहौल बना रहेगा. मौजूदा फीचर्स भी एडमिन को कई पावर देते हैं, लेकिन यह फीचर एक एक्स्ट्रा लेयर जोड़ने का काम करेगा. 

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कहां मिलेगा यह ऑप्शन?

रिपोर्ट के मुताबिक, नया ऑप्शन ग्रुप सेटिंग्स सेक्शन में उपलब्ध होगा. इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रिपोर्ट किए गए मैसेज केवल ग्रुप एडमिन को ही और  ऐप के एक नए सेक्शन में दिखाई देंगे. यह सेक्शन ग्रुप इंफो के पास होगा. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि रिपोर्ट किए गए मैसेज हमेशा सेक्शन में रहेंगे या फिर एक समय के बाद गायब हो जाएंगे. फिलहाल इस फीचर पर काम किया जा रहा है. पहले फीचर को बीटा टेस्टर्स के लिए पेश किया जाएगा. इसके बाद, यह सभी के लिए रोलआउट होगा. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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