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‘श्रीकांत’ की धुआंधार कमाई पर लग सकता है कल से ब्रेक, जानें क्या है वजह

Srikanth Box Office Collection Day 14: राजकुमार राव की फिल्म ‘श्रीकांत’ बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई कर रही. फिल्म 10 मई को थिएटर्स में रिलीज हुई थी और तब से ही हर रोज बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई कर रही है. दो हफ्ते बाद भी फिल्म हर दिन करोड़ों का कलेक्शन कर रही है. लेकिन कल से फिल्म के कलेक्शन में गिरावट देखी जा सकती है.

सैकनिल्क की रिपोर्ट की मानें तो 13वें दिन भी ‘श्रीकांत’ का कलेक्शन 1.2 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. वहीं अब 14 वें दिन के शुरुआती आंकड़े भी सामने आ गए हैं जिसके मुताबिक फिल्म ने अब तक 1.01 करोड़ रुपए कमा लिए हैं. इसी के साथ घरेलू बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का कुल कलेक्शन अब 31.06 करोड़ रुपए हो गया है. 


कल से कम हो सकता है कलेक्शन!
‘श्रीकांत’ का बजट 40 से 50 करोड़ रुपए के बीच बताया जा रहा है. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की रफ्तार इस ओर इशारा कर रही है कि फिल्म अपना बजट निकाल लेगी. लेकिन कल से ‘श्रीकांत’ का कलेक्शन घट भी सकता है. ऐसा इसीलिए क्योंकि कल मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘भैया जी’ थिएटर्स में दस्तक देने वाली है. ये मनोज की 100वीं फिल्म है और ऐसे में फैंस के बीच उन्हें लेकर काफी क्रेज देखा जा रहा है जिसका असर ‘श्रीकांत’ के कलेक्शन पर भी पड़ सकता है.

फिल्म की स्टारकास्ट
‘श्रीकांत’ एक बायोपिक है जिसमें राजकुमार राव लीड रोल में हैं. फिल्म विजुअली इंपेयरड बिजनेसमैन ‘श्रीकांत’ बुल्ला की कहानी है. फिल्म में राजकुमार राव के अलावा ज्योतिका हैं जिन्होंने उनकी मां का किरदार निभाया है. वहीं अलाया फर्नीचरवाला के साथ एक्टर की केमिस्ट्री भी दिखाई गई है. 

राजकुमार राव अब फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ में नजर आएंगे. उनकी ये फिल्म 31 मई, 2024 को पर्दे पर दिखाई देगी. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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