टैकनोलजी

AC में क्या होता है टन का मतलब, कितने ton का एसी आपके लिए रहेगा बेस्ट?

AC Guide: Air Conditioner की जब भी बात की जाती है, तो उसके साथ ton जरूर लगाया जाता है, ज्यादातर घरों में 1 , 1.5 या 2 टन का AC लगाया जाता है, लेकिन AC टन में होता क्यों है? इस बात का पता काफी कम लोगों को ही होता हैं, कई लोगो को लगता है की इसका संबंध AC में मौजूद गैस से होता होगा या कुछ लोगों को लगता है कि इसका संबंध एसी के वजन से होता होगा? आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

एसी में टन का मतलब क्या होता है?

एयर कंडीशनर में टन का मतलब, उसके द्वारा कमरे से बाहर फेंकी जा सकने वाली गर्मी होती है. कोई AC 1 घंटे में किसी कमरे से कितनी गर्मी निकाल सकता है और यह टन से पता चलता है. 12000 BTU का मतलब 1 ton होता है, बी.टी.यू का मतलब ब्रिटिश थर्मल यूनिट (British Thermal Unit) होता है. यह AC की ठंडा करने की क्षमता का मापदंड है. 1 ton यानी 12000 बी टी यू होता है. 1.5 टन यानी 18000 बी टी यू होता है, वही 2 टन यानी 24000 बी टी यू होता है.

इंटरनेट सोर्स के अनुसार 150 वर्ग फीट के कमरे में 1 ton का AC अच्छी कुलिंग कर देता है, 200 वर्ग फीट के कमरे में 1.5 का AC अच्छी कूलिंग कर देता है. AC जितने अधिक टन का होगा उतनी ही ज्यादा कुलिंग करेगा और कमरा उतना ही ज्यादा ठंडा होगा, हालांकि कमरे का आकार, इंसुलेशन, छत की ऊंचाई और खिड़की भी ऐसे कारक है, जो की कुलिंग कैपेसिटी पर असर डालते है. आप खरीदने से पहले किसी जानकार से यह सलाह ले सकते है कि आपको अपने घर के लिए कितने टन का एसी लेना चाहिए.

एसी कैसे काम करता है?

एयर कंडीशनर कमरे से गर्म हवा लेता है और विशेष कॉइल और पंखे का उपयोग करके इसे ठंडा करता है. इसके बाद यह गर्म हवा को बाहर छोड़ता है. कंप्रेसर हवा को ठंडा रखने में मदद करता है, जबकि फिल्टर हवा को साफ करता है. थर्मोस्टेट नियंत्रित करता है कि एसी कितनी ठंडी हवा बाहर की और छोड़ेगा.

यह भी पढ़ें: प्लास्टिक या मेटल, जानें आपके लिए कौनसा Cooler बेस्ट होगा?

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button