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‘स्पाइडर मैन-अक्रॉस द स्पाइडर वर्स’ ने बनाया रिकॉर्ड, पांच हफ्तों में इंडिया में की शानदार कमाई

Spider-Man: Across the Spider Verse Collection: हॉलीवुड (Hollywood) की एनिमेटेड फिल्म (Animated Film) फिल्म ‘स्पाइडर-मैन: अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स’ (Spider-Man: Across the Spider Verse) को रिलीज हुई करीब पांच हफ्ते हो चुके हैं. लेकिन अभी भी फैंस में इसका क्रेज लगातार बरकरार है.

बता दें कि अब ये फिल्म 5वें हफ्ते से पहले ही साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हॉलीवुड स्टूडियो फिल्म बन चुकी है. ‘स्पाइडर-मैन: अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स’  ने अभी तक दुनियाभर में 607 मिलियन डॉलर का कलेक्शन कर लिया है. जो काफी हैरान कर देने वाला है.

पहले दिन फिल्म ने कमाए थे इतने करोड़ रुपए
बता दें कि ‘स्पाइडर-मैन: अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स’ दो जून को रिलीज हुई थी. जिसे इंडिया में करीब 1900-2000 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया था. वहीं फिल्म को देखने के लिए थिएटर्स में भारी भीड़ देखी जा रही है. यही वजह है कि ये इंडिया में अभी तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एनिमेटेड फिल्म (Animated Film) बन चुकी है.

इस फिल्म ने अपनी रिलीज के पहले दिन 4.20 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. रिलीज के पांच हफ्ते बाद भी फिल्म की कमाई के आंकड़े लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म ने भारत में अब तक 53.20 करोड़ की कमाई कर ली है.


10 भाषाओं में रिलीज हुई थी फिल्म
जानकारी के अनुसार मेकर्स द्वारा इस फिल्म को एक दो नहीं बल्कि 10 अलग-अलग भाषाओं में रिलीज किया था. बता दें कि फिल्म का तीसरा पार्ट मार्च 2024 में रिलीज किया जाने वाला है. बताते चलें कि ‘स्पाइडर-मैन: अक्रॉस द स्पाइडर-वर्स’ जोआकिम डॉस सैंटोस, केम्प पॉवर्स और जस्टिन के. थॉम्पसन के निर्देशन में और कोलंबिया पिक्चर्स, सोनी पिक्चर्स और मार्वल द्वारा निर्मित की गई है.

ये भी बता दें कि ‘स्पाइडर मैन: अक्रॉस द वर्स’ को लेकर लोगों का क्रेज देखते हुए कुछ दिनों पहले थिएटर ओनर्स ने इसके शोज बढ़ाने की बात भी कही थी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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