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पति राज कुंद्रा की बायोपिक में काम करेंगी शिल्पा शेट्टी? एक्ट्रेस बोलीं- ‘मेरा कोई रोल…

Shilpa Shetty Raj Kundra: बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने फिल्मों में एक्टिंग से लेकर डांस में अपनी अलग खास पहचान बनाई है. 1993 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म बाजीगर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा था. एक्ट्रेस को इस इंडस्ट्री में पूरे 30 साल पूरे हो चुके हैं. एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने अपने बॉलीवुड के सफर को लेकर बात की है. 

क्या पति राज कुंद्रा की बायोपिक में काम करेंगी शिल्पा शेट्टी

शिल्पा शेट्टी 40 की उम्र पार कर चुकीं हैं. लेकिन अब भी एक्ट्रेस के फैंस करोड़ों में हैं. शिल्पा अपनी फिटनेस का खास ख्याल रखती हैं. शिल्पा ने इंटरव्यू में बताया कि वह एक अभिनेत्री होने के साथ-साथ कैसे एक मां के कर्तव्य को भी पूरा करती हैं. पति राज कुंद्रा के जेल में जाने पर शिल्पा ने ही अकेले पूरे परिवार को संभाला था. अब हाल ही ऐसी खबर आ रही है कि राज कुंद्रा अपनी बायोपिक लेकर आ रहे हैं. इस बायोपिक में वह अपनी पूरी जिंदगी को दिखाएंगे. साथ ही जेल में उन्होंने कैसे अपने दिन काटे हैं उसका भी खुलासा करेंगे. 


 

कहा जा रहा है कि इस फिल्म में राज कुंद्रा की वाइफ और एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी भी नजर आ सकती हैं. हालांकि इस खबर को सुनकर कई फैंस तो शॉक्ड हो गए. लेकिन जब शिल्पा से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि मेरा कोई रोल नहीं जो मैं आपको बताऊं. शिल्पा की इस बात से ये तो साफ हो गया कि राज कुंद्रा की बायोपिक में एक्ट्रेस नजर नहीं आएंगी. 

 

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि शिल्पा शेट्टी इस बायोपिक में नहीं नजर आएंगी तो फिर कौन एक्ट्रेस इस रोल को निभाएगी. इस फिल्म को लेकर अभी डायरेक्टर की तरफ से भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. राज कुंद्रा खुद इस फिल्म की स्क्रिप्ट से लेकर प्रोडक्शन का सब ध्यान दे रहे हैं. इस फिल्म में राज की जर्नी दिखाई जाएगी. 

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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