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नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताई आरोपों पर चुप रहने की वजह, बोले – ‘गंदा आदमी आपको…’

Nawazuddin Siddiqui Talk About His Personal Life: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) पिछले कुछ दिनों से अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. एक्टर पर उनकी पत्नी आलिया ने कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसकी वजह से एक्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. हालांकि, तब एक्टर ने इस मामले पर कभी कोई रिएक्शन नहीं दिया लेकिन अब उन्होंने इस मामले में अपने चुप रहने की वजह का खुलासा किया है.  

कई बार अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए – नवाज

ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में नवाज़ुद्दीन ने अपनी लाइफ की कई बातें शेयर की. एक्टर ने बताया, “गंदा आदमी आपको ललकारता है और जब आप उसके पाले में चले जाते हैं, तो  वहां वो आपसे स्मार्ट हो जाता है. ऐसे में आप रिएक्शन देते हैं तो वो और होशियार हो जाता है. इसलिए उस मामले में बेहतर ये ही होता कि जो अफवाहें हैं उसपर कोई ध्यान ना दें.


सच्चाई सामने आने तक करियर खत्म हो जाता है- नवाज

वहीं अफवाहों के बारे में बात करते हुए नवाज ने कहा कि, अफवाह दूसरे शख्स को विलेन बनाने के लिए फैलाई जाती है. जिसमें कई दूसरे लोग भी आग में घी के बराबर का काम रहते हैं और लोग उनपर विश्वास करने लगते हैं. ऐसे में जब तक मामले का पूरा सच सामने आता है, उस इंसान का करियर खत्म हो जाता है.”

इन फिल्मों में नजर आएंगे नवाजुद्दीन सिद्दीकी

वर्कफ्रंट की बात करें तो नवाजुद्दीन बहुत जल्द ही सुधीर मिश्रा की फिल्म ‘अफवाह’ में नजर आने वाले हैं. जिसमें वो भूमि पेडनेकर के साथ स्क्रीन शेयर करेंगे. ये फिल्म 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इसके बाद वो नेहा शर्मा के साथ रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘जोगीरा सा रा रा’ में दिखेंगे. उनकी ये फिल्म 12 मई को थिएटर्स में दस्तक देगी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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