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Microsoft Paint Update: माइक्रोसॉफ्ट पेंट हो गया अपडेट, अब बच्चे भी आसानी से कर लेंगे इस्तेमाल

Microsoft Paint: माइक्रोसॉफ्ट पेंट ऐप बच्चे अपने स्कूली काम-काज के लिए ज्यादा यूज करते हैं. शायद ही कोई बड़ा होगा जो इस ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल अपने काम के लिए करता होगा. कंपनी ने ऐप को और बेहतर बनाने के लिए इसमें 3 अपडेट रोलआउट किए हैं. इन अपडेट्स को हासिल करने के लिए आपको माइक्रोसॉफ्ट पेंट ऐप को अपडेट करना होगा.

ये हैं तीन अपडेट

पहला अपडेट ये है कि कंपनी ने पेंट ऐप के लिए डार्क मोड फीचर को रोलआउट किया है. डार्क मोड में आंखों में जोर कम पड़ता है जिसके चलते यूजर लम्बे समय तक ऐप पर काम कर सकता है. ये फीचर आजकल लगभग हर फोन और लैपटॉप में मिलता है.

दूसरा अपडेट ये है कि कंपनी ने पेंट में ज़ूमिंग फैसिलिटी के लिए मैन्युअल नंबर एड करने का ऑप्शन दिया है. इससे पहले केवल एक स्लाइडर का ऑप्शन मिलता था. अब यूजर नंबर्स लिखकर भी ज़ूमिंग कमांड दे सकते हैं. इसके अलावा कंपनी एक और ऑप्शन देने वाली है जिसका नाम फिट टू स्क्रीन है. इसपर क्लिक करते ही पेंट ऐप की स्क्रीन अपने आप विंडो स्क्रीन के हिसाब से एडजस्ट हो जाएगी.  

तीसरा अपडेट ये है कि अब आप शॉटकट कीज की मदद से भी टूल्स या दूसरे ऑप्शन को एक्सेस कर सकते हैं. जैसे पेंसिल या इरेजर को चुनने के लिए अब आपको शॉर्टकट कीज का सपोर्ट मिलेगा.  

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लगातार कम हो रहा यूजरबेस

माइक्रोसॉफ्ट के एक शीर्ष अधिकारी, मेगन सॉन्डर्स ने आधिकारिक वेबसाइट पर एक ब्लॉग लिखा था जिसमें उन्होंने बताया कि ऐप पर 100 मिलियन का यूजरबेस है. उन्होंने ये बात 2017 के एक ब्लॉगपोस्ट में लिखी थी. हालांकि अब ऐसा नहीं है. कंपनी का यूजरबेस लगातार कम हो रहा है क्योकि माइक्रोसॉफ्ट ने समय के साथ ऐप में वे टूल्स नहीं दिए जिनकी लोगों को जरूरत थी. आजकल ज्यादातर लोग अपने काम के लिए Pixlr, Paint.Net और GIMP सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं क्योकि ये ज्यादा टूल्स ऑफर करते हैं और ऑपरेट करने में भी इजी हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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