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नए साल का जश्न मनाने पति सैफ संग स्विट्जरलैंड रवाना हुईं करीना कपूर, फ्लाइट से शेयर की जेह की फ

Kareena Kapoor New Year Vacation: क्रिसमस के बाद अब बी-टाउन के सितारे नए साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में जहां पहले आलिया भट्ट पति रणबीर और बेटी राहा के साथ वेकेशन के लिए विदेश निकली थीं, वहीं अब करीना कपूर खान भी न्यू ईयर सेलिब्रेट करने के लिए  रवाना हो गई हैं. करीना ने पति सैफ अली खान, बेटे तैमूर और जेह के साथ स्विटजरलैंड के लिए उड़ान भर ली है और फ्लाइट से एक बेहद क्यू तस्वीर शेयर कर इसकी जानकारी भी दी है.

बता दें कि इससे पहले करीना और सैफ अपने बच्चों के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर तब स्पॉट हुए थे जब वे विंटर हॉलिडे एडवेंचर पर निकले थे. कपल बच्चों के साथ वेकेशन मनाने लंदन गया था और अब वे अब स्विट्जरलैंड के लिए निकले हैं. ऐसे में करीना ने फ्लाइट से जेह की एक बेहद क्यूट फोटो शेयर की है. इस तस्वीर में जेह नीला स्वेटर पहन फ्लाइट के विंडो से बाहर झांकते दिखाई दे रहे हैं. बाहर आसमान को देख छोटे नवाब अपनी उंगली से कुछ इशारा भी करते नजर आ रहे हैं.

क्यूट लगी जेह की फोटो
जेह की ये फोटो शेयर कर करीना कपूर ने कैप्शन में लिखा- ‘बेबी इन द आल्प्स.’ इस कैप्शन के साथ एक्ट्रेस ने स्विटजरलैंड का झंडा भी लगाया है. जो इस तरफ इशारा कर रहा है कि वे और उनकी फैमिली वेकेशन के लिए स्विटजरलैंड जा रहे हैं. इससे पहले करीना ने पहले इंस्टाग्राम पर फ्लाइट से एक और स्टोरी पोस्ट की थी जिसमें दो लोगों के पैर दिखाई दे रहे थे. इनमें से एक पैर करीना और दूसरा सैफ का लग रहा था. अपने शूज हाइलाइट करते हुए करीना ने कैप्शन में लिखा था- ‘स्लोप के लिए तैयार. ठीक है.’

मक्के की रोटी, सरसों का साग
बता दें कि हाल ही में करीना ने फैमिली संग पटौदी पैलेस में भी खूब एंजॉय किया था. एक्ट्रेस ने पोस्च कर बताया था कि पटौदी पैलेस में उन्होंने मक्के की रोटी और सरसों का साग खाया था जो कि उनके घर के बाग में ही उगाया गया था. करीना ने खाने से लेकर अपनी और सैफ की फोटोज भी पोस्ट की थीं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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