बॉलीवुड और मनोरंजन

इस साल सतीश कौशिक और मैथ्यू पेरी की मौत ने सबको रुलाया, गूगल के टॉप सर्च में है नाम

Satish Kaushik and Matthew Perry death: साल 2023 का आखिरी महीना चल रहा है. इस साल को खत्म होने में बस अब कुछ ही दिन रह गए हैं. ऐसे में हर साल की तरफ इस बार भी गूगल ने टॉप सर्च की लिस्ट जारी कर दी है, जिसे कई कैटेगरी में बांटा गया है.

इस लिस्ट में सबसे ज्यादा सर्च की गई हस्तियां, फिल्में, ट्रेंडिंग शो जैसी कई कैटगरी शामिल है. वहीं गूगल के मोस्ट सर्च की इस लिस्ट में बॉलीवुड के दिग्ग्ज अभिनेता सतीश कौशिर और फ्रेंड्स फेम मॅथ्यू पेरी का भी नाम शामिल है. 

सतीश कौशिक की मौत से सदमे में था बॉलीवुड  
कार्डियक अरेस्ट की वजह से सतीश कौशिक की मौत हुई थी. इस साल 9 मार्च को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. वहीं उनके निधन से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ उठी थी. वहीं सतीश कौशिक के निधन से उनका परिवार को बुरी तरह से टूट चुका था. वहीं इस बुरे वक्त में सतीश कौशिक के प्रिय मित्र अनुपम खेर ने हर समय उनके परिवार के साथ खड़े रहें. बता दें कि सतीश कौशिक अपने पीछे पत्नी और एक बेटी को अकेला छोड़ गए हैं. 


मैथ्यू पेरी की निधन से टूटा था फैंस का दिल
90s का सबसे पॉपुलर अमेरिकन शो फ्रेंड्स के एक्टर मैथ्यू पेरी के निधन ने सभी को हिला कर रख दिया था. 54 साल की उम्र में चैंडलर बिंग ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. बताया गया कि एक्टर की मौत हॉट टब में डूबने से हुई थी. फ्रेंड्स’ में चैंडलर बिंग का उनका किरदार पूरी दुनिया  में इतना पसंद किया गया कि उन्हें आज भी लोग उन्हें Satire King के नाम से ही बुलाते है. वहीं उनके निधन की खबर से उनके फैंस सदमे में थे.


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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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