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इस फोन को SPACE में किया गया था लॉन्च, वजह ये थी, फिर क्या हुआ?

Google Nexus One Sent to space: ये तो आपने सुना होगा कि Space में नासा ने इंसानो को भेजा हुआ है. अलग-अलग प्रोजेक्ट को लेकर रिसर्च चलते रहती है और नासा एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसशिप के जरिए स्पेस पर भेजता है. लेकिन आज हम आपको स्पेस में भेजे गए मोबाइल फोन के बारे में बताएंगे. जी हां, एक स्मार्टफोन ऐसा भी है जिसे स्पेस में लॉन्च किया गया था.

दरअसल, गूगल के Nexus स्मार्टफोन को यूनिवर्सिटी ऑफ Surrey ने 2013 में स्पेस पर लॉन्च किया था. इस स्मार्टफोन को इसलिए स्पेस में भेजा गया ताकि ये पता लगाया जा सके कि मोबाइल से सैटेलाइट को कंट्रोल किया जा सकता है या नहीं. फिलहाल ये फोन कहां है इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है. हो सकता है ये डिस्ट्रॉय हो गया हो या आज भी पृथ्वी के चक्कर लगा रहा हो.

Google Nexus 1 के स्पेक्स 

Google Nexus 1 में 3.7 इंच की डिस्प्ले, 512MB रैम, 1400 mAh की बैटरी,और 5MP का रियर कैमरा मिलता था. इस स्मार्टफोन को 2010 में लॉन्च किया गया था. ये एंड्रॉइड 2.1 OS पर काम करता था और इसकी कीमत तब 10 हजार रुपये के आस-पास थी. 

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गूगल ने ग्लोबली लॉन्च किए दो स्मार्टफोन 

गूगल का एनुअल डेवलपर्स इवेंट हाल ही में कैलिफोर्निया में आयोजित किया गया था. इस इवेंट में कंपनी ने दो स्मार्टफोन को लॉन्च किया था जिसमें गूगल पिक्सल फोल्ड और पिक्सल 7a शामिल था. गूगल ने अपना पहला फोल्डेबल फोन बाजार में उतारा है. हालांकि अभी ये भारत में लॉन्च नहीं किया गया है. गूगल पिक्सल 7a भारत में लॉन्च हो चुका है. इस आप चार कलर में खरीद सकते हैं जिसमें ब्लैक, वाइट, ग्रे और ब्लू शामिल है. फोन में 5000 एमएएच की बैटरी, 64MP का प्राइमरी कैमरा और 6.1 इंच की डिस्प्ले मिलती है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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