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लैपटॉप सेगमेंट में उतरी ये कंपनी, इस नाम से आएगा ये प्रोडक्ट और यहां खरीद सकेंगे

ऑडियो और स्मार्टवॉच सेगमेंट की कंपनी विंग्स लाइफस्टाइल (Wings Lifestyle) ने अब लैपटॉप (laptop) सेगमेट मे उतरने का ऐलान कर दिया है. कंपनी ने उपभोक्ता सेगमेंट, गेमिंग और क्रिएटर लैपटॉप लॉन्च करने की योजना के साथ आने की तैयारी है. कंपनी ने अपने पहले नए लैपटॉप का नाम नुवोबुक सीरीज रखा है. सितंबर के बीच में फ्लिपकार्ट एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट के तौर पर इसे लॉन्च किया जाएगा. घरेलू भारतीय लाइफस्टाइल टेक ब्रांड, अपने लैपटॉप को भारतीय युवाओं को ध्यान में रखते हुए आकर्षक निर्माण और शानदार कलर ऑपशन के साथ इंटेल प्रोसेसर द्वारा संचालित होंगे.

लैपटॉप के मॉडल

खबर के मुताबिक, कंपनी (Wings Lifestyle) ने कहा कि कस्टमर सेंट्रिक सोच और मेक इन इंडिया की हालिया सरकारी पहल और लोकल मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने से प्रेरित था. नुवोबुक सीरीज में एंट्री लेवल के लैपटॉप से लेकर एस1, एस2, वी1 और प्रो मॉडल शामिल होंगे जो ब्राउज़िंग, मनोरंजन से लेकर कोडिंग, डिजाइन, संपादन और गेमिंग जैसी जरूरत के लिए आदर्श है. लैपटॉप (Laptop) हल्के एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बने हैं और फुल एचडी डिस्प्ले, 65W टाइप-सी चार्जिंग, 10 घंटे तक की बैटरी लाइफ और विंडोज 11 ओएस से लैस हैं. नुवोबुक प्रो में ऐड-ऑन के रूप में बैकलिट कीबोर्ड और 180 डिग्री हिंज भी है.

लैपटॉप की कीमत होगी कम

कंपनी को लगता है कि लैपटॉप (Wings Lifestyle Laptop) कैटेगरी के लिए वह तैयार है, क्योंकि मौजूदा पुराने प्लेयर्स और सस्ते (20 हजार से कम) लैपटॉप ब्रांड्स के बीच एक अलग अंतर है, जिसका अभी तक दोहन नहीं किया गया है. विंग्स के लैपटॉप की कीमत इस इनसाइट के मुताबिक होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय ग्राहकों के पास एक किफायती, घरेलू भारतीय लैपटॉप ब्रांड है. विंग्स के को-फाउंडर निशित शर्मा ने कहा कि नवंबर से, हमारे लैपटॉप 100 प्रतिशत भारत में बने होंगे और हम इसे हासिल करने के लिए पहले से ही लोकल मैनुफैक्चरर के साथ जुड़े हुए हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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