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Apple ID यूजर्स को वेब पर iOS17, iPadOS17 के साथ मिलेगा पासकी सपोर्ट, यह विजिबल नहीं होता

टेक कंपनी एप्पल (Apple) ने बुधवार को अनाउंस किया कि एप्पल आईडी (Apple ID) यूजर्स को आईओएस (17 iOS17), आईपैडओएस 17 (iPadOS17) और मैकओएस सोनोमा के साथ एक पासकी (passkey) दी जाएगी, जिसका इस्तेमाल वेब पर उनके एप्पल आईडी पर साइन इन करने के लिए किया जा सकता है. एप्पल के मुताबिक, पासकी एक क्रिप्टोग्राफिक यूनिट है, जो आपको दिखाई नहीं देती है, और इसका इस्तेमाल पासवर्ड की जगह पर किया जाता है. पासकी में एक की पेयर है, जो पासवर्ड की तुलना में सुरक्षा में अत्यधिक सुधार करती है.

किसी भी एप्पल वेब प्रॉपर्टी में साइन इन करने की परमिशन

रिपोर्ट के मुताबिक, एक की पब्लिक होती है, जो आपके द्वारा इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट या ऐप के साथ रजिस्टर्ड होती है. दूसरी की प्राइवेट होती है, यह केवल आपके डिवाइस पर है. इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि यह अपडेट यूजर्स को अपने एप्पल आईडी (Apple ID) के लिए नामित पासकी का इस्तेमाल करके किसी भी एप्पल वेब प्रॉपर्टी में साइन इन करने की परमिशन देगा, और इसका इस्तेमाल वेब पर एप्पल के साथ साइन इन के साथ किया जा सकता है.

साल के आखिर में होगा उपलब्ध

पासकी सपोर्ट इस साल के आखिर में आईओएस 17 (iOS17), आईपैडओएस 17 (iPadOS17) और मैकओएस सोनोमा की रिलीज के साथ सभी समर्थित डिवाइस के लिए उपलब्ध होगा. हालांकि, आईओएस 17, आईपैडओएस 17 और मैकओएस सोनोमा के बीटा वर्जन चलाने वाले यूजर्स 21 जून से आईक्लाउड डॉट कॉम और ऐप्पलिड डॉट एप्पल डॉट कॉम पर इसका टेस्ट कर सकते हैं.

इस बीच, आईफोन 16 इकोसिस्टम एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए वाई-फाई 7 में अपग्रेड करेगा और एप्पल (Apple ID) के लिए समान लोकल नेटवर्क पर चलने वाले हार्डवेयर प्रोडक्ट्स को एकीकृत करना आसान बना देगा. फिलहाल आईफोन 14 स्मार्टफोन वाई-फाई 6 के साथ आता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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