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IRCTC ने कहा, डाउनलोड न करें ये खतरनाक एप, लग जाएगा चूना

IRCTC Advisory : IRCTC ने एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों को ‘irctcconnect.apk’ नाम के संदिग्ध एंड्रॉइड एप्लिकेशन को डाउनलोड नहीं करने की चेतावनी दी है. इस ऐप को वॉट्सएप और टेलीग्राम जैसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के यूजर्स के पास भेजा जा रहा है, और उनसे डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है. इस एप को लेकर IRCTC ने कड़ी चेतावनी दी है कि यूजर्स इसे डाउनलोड न करें. यह एप हार्मफुल है. यह फोन में इंस्टॉल होने पर आपके फोन पर कब्जा जमा सकती है. आपकी निजी जानकारी हैकर्स तक पहुंचा सकती है. 

अब IRCTC वाले बनकर स्कैम कर रहे साइबर ठग

IRCTC का कहना है कि ऐप के पीछे साइबर ठग IRCTC से होने का दावा करते हैं. खुद को IRCTC का अधिकारी बताकर वे आपकी पर्सनल जानकारी, जैसे कि आपकी यूपीआई डिटेल और अन्य महत्वपूर्ण क्रेडिट/डेबिट कार्ड बैंकिंग डिटेल तक पहुंचने के लिए जाल बिछाते हैं. इसलिए जरूरी है कि इस ऐप को डाउनलोड करने से बचा जाए और इसी तरह के किसी भी संदिग्ध ऐप से सावधान रहा जाए.

ये है IRCTC की ऑफिशियल एप

जालसाज बड़े पैमाने पर एक फिशिंग लिंक लोगों को भेज रहे हैं. ये ठग फिशिंग लिंक पर क्लिक करवाने के लिए IRCTC के अधिकारियों का झूठा रूप धारण कर रहे हैं. आपको पता होना चाहिए कि फिशिंग लिंक इतने खतरनाक है, इनपर क्लिक करने के साथ ही, आपकी सभी डिटेल साइबर चोरों के हाथ लग सकती है. IRCTC ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे इस एप्लिकेशन को इंस्टॉल न करें और ऐसे धोखेबाजों से खुद को सुरक्षित रखें. IRCTC का आधिकारिक ‘IRCTC Rail Connect’ मोबाइल ऐप हमेशा गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से डाउनलोड करें.

नोट : IRCTC कभी भी अपने कस्टमर्स से उनके पिन, ओटीपी, पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड डिटेल, नेट बैंकिंग पासवर्ड या यूपीआई डिटेल नहीं मांगता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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