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WhatsApp पर ऑडियो के लिए आने वाले हैं ये दो बड़े फीचर्स, लोगों को था बेसब्री से इंतजार

WhatsApp : वॉट्सएप ने अपने प्लेटफार्म को बेहतर और अधिक सिक्योर बनाने के लिए व्यू वंस (View Once) फीचर पेश किया था. इस फीचर को लोगों ने बहुत पसंद किया था. अगर इस फीचर को ऑन कर यूजर्स कोई वीडियो या फोटो भेजते हैं तो उसे सिर्फ एक बार ही देखा जा सकता है. इतना ही नहीं, आगे चलकर फीचर को इतना सिक्योर बनाया गया कि यूजर्स व्यू वंस के तहत आए वीडियो या फोटो की स्क्रीन रिकॉर्डिंग नहीं कर सकते है. इसके साथ ही, स्क्रीनशॉप भी कैप्चर नहीं कर सकते हैं. अगर स्क्रीनशॉट लिया भी जाता है तो काले रंग का फोटो कैप्चर होता है. 

ऑडियो के लिए व्यू वंस फीचर

जब व्यू वंस फीचर को इतना पसंद किया ही गया तो वॉट्सएप ने भी शायद सोचा कि इस फीचर का विस्तार किया जाए. दरअसल, WABetaInfo ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा है कि वॉट्सएप एंड्रॉयड बीटा के लिए नए फीचर पर काम कर रही है. इस फीचर के आने के बाद आप ऑडियो के साथ भी व्यू वंस सेट कर सकेंगे. इसका मतलब हुआ कि कोई उस ऑडियो को सिर्फ एक बार ही सुन सकेगा. अब वॉट्सएप सिर्फ फोटो और वीडियो ही नहीं, बल्कि ऑडियो के साथ भी सिक्योरिटी जोड़ रहा है. रिपोर्ट में एक स्क्रीनशॉट भी जोड़ा गया है, जिसे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं. 

ऑडियो चैट ऑप्शन भी हुआ स्पॉट

ऑडियो के लिए व्यू वंस फीचर से अलग एक नया फीचर और स्पॉट किया गया है. यह फीचर भी ऑडियो से ही जुड़ा हुआ है क्योंकि इसका नाम ऑडियो चैट दिखाई पड़ रहा है. WABetaInfo के मुताबिक, गूगल प्ले स्टोर पर Android 2.23.7.12 के लेटेस्ट वॉट्सएप बीटा अपडेट में ऑडियो चैट ऑप्शन को देखा गया है. इस फीचर को बातचीत के लिए जारी किया जा सकता है. यह फीचर्स अपकमिंग अपडेट में टॉप पर वीडियो कॉलिंग आइकन के बगल में एक नया ‘वेवफॉर्म’ आइकन शो होगा. हालांकि, यह नया फीचर किस तरह से काम करेगा, अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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