टैकनोलजी

X और YouTube पर कस्टमर सपोर्ट हटा सकता है एप्पल, नहीं मिलेगी टेक्निकल मदद

दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एप्पल (Apple) एक्स (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूब और एप्पल सपोर्ट कम्युनिटी ऑनलाइन फोरम के जरिये कस्टमर्स को सहायता देना बंद कर देगा. MacRumors के मुताबिक, टेक दिग्गज एप्पल इस साल के आखिर से इन प्लेटफॉर्म पर सोशल मीडिया सपोर्ट सलाहकार भूमिकाओं को खत्म करने की योजना बना रही है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, एप्पल की तरफ से होने वाले इस बदलाव के अमल में आने के बाद कस्टमर्स इन प्लेटफॉर्म पर एप्पल स्टाफ से कोई मदद नहीं ले पाएंगे.

डायरेक्ट मैसेज (DM) का जवाब नहीं देगा एप्पल

खबर के मुताबिक, 1 अक्टूबर से, X (पूर्व में ट्विटर) पर @AppleSupport अकाउंट अब मानवीय प्रतिक्रियाओं वाले डायरेक्ट मैसेज (DM) का जवाब नहीं देगा. इसके बदले अकाउंट पर मैसेज भेजने वाले कस्टमर्स को हेल्प के लिए एप्पल से कॉन्टैक्ट करने के दूसरे तरीकों की फ्रेमवर्क बताते हुए एक ऑटोमैटिक रिएक्शन हासिल होगी. कस्टमर अब Apple सपोर्ट चैनल पर अपलोड किए गए YouTube वीडियो के कमेंट सेक्शन में कंपनी से टेक्निकल मदद हासिल नहीं कर पाएंगे.

बदलाव का अवसर दे रहा एप्पल

रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक दिग्गज (Apple) सैकड़ों प्रभावित कर्मचारियों को कंपनी के भीतर फोन-आधारित सहायता भूमिका में बदलाव का अवसर दे रहा है, लेकिन कुछ सलाहकार ऐसा करने में असमर्थ या कोई रुचि नहीं हैं. कंपनी कर्मचारियों को तब तक किसी दूसरे चैट-बेस्ड सहायता भूमिका पर स्विच करने की परमिशन नहीं दे रही है, जब तक कि चिकित्सकीय रूप से जरूरी न हो, जिससे सोशल मीडिया टीम के कुछ सदस्यों में नाराजगी और निराशा पैदा हो गई है.

कर्मचारियों को ट्रेंड किया जाएगा

कर्मचारियों को फोन सहायता देने के लिए ट्रेंड किया जाएगा, और संक्रमण नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. जो लोग फोन पर काम नहीं करना चाहते उन्हें एप्पल के बाहर काम तलाशने की सलाह दी गई. इस बीच, Apple ने खुलासा किया है कि उसका अगला बड़ा इंटरनेशनल प्रोडक्ट्स लॉन्च – iPhone 15 सीरीज की ताज़ा लाइनअप पर से 12 सितंबर को होगा. इस इवेंट में नई Apple वॉच की अनाउंसमेंट भी हो सकती है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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