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Threads में फीचर्स की लगी भरमार, ऐप और वेब दोनों में ये सब नया मिलेगा 

इंस्टाग्राम के टेक्स्ट फोकस्ड ऐप थ्रेड्स में हर हफ्ते यूजर्स को नए अपडेट दिए जा रहे हैं. दरअसल, लॉन्च के बाद कंपनी का ट्रैफिक तेजी से गिरा है जिसे मेटा वापस पाने के लिए यूजर्स को नए-नए फीचर्स दे रहा है. हाल ही में कंपनी ने थ्रेड यूजर्स को पोस्ट को एडिट करने का ऑप्शन दिया था. ट्विटर में ये ऑप्शन सालों बाद आया था. इस बीच कंपनी दो और नए फीचर यूजर्स को दे रही है जिसके बारे में जानकारी इंस्टाग्राम के सीईओ एडम मोसेरी ने दी है. 

मोबाइल ऐप में मिलेगा ये फीचर

इंस्टाग्राम के सीईओ एडम मोसेरी ने एक थ्रेड पोस्ट के जरिए बताया कि अब यूजर्स एक ही क्लिक में किसी पोस्ट पर टैग किए गए सभी लोगों को फॉलो कर सकते हैं. इसके लिए आपको Follow All का ऑप्शन मिलेगा. फिलहाल ऐप में जब आप कोई टैग की हुई पोस्ट देखते हैं तो उसमें आपको सभी को अलग-अलग कर फॉलो करना पड़ता है. लेकिन नए अपडेट के बाद आप एकसाथ सभी लोगों को फॉलो कर पाएंगे. अगर आप सभी को फॉलो नहीं करना चाहते तो आपके पास वन बाय वन का ऑप्शन (पहले जैसा) भी मौजूद रहेगा.

वेब पर मिलेगा ये ऑप्शन 

मोबाइल ऐप के अलावा वेब पर आपको अब मीडिया अटैचमेंट को कॉपी एंड पेस्ट करने का ऑप्शन मिलेगा. यानि आप किसी कंटेंट को शेयर कर सकते हैं. बता दें, कंपनी पहले से ही टेक्स्ट को कॉपी एंड पेस्ट करने का ऑप्शन देती है. इसके लिए आपको मोबाइल में टेक्स्ट को देर तक होल्ड करके रखना होता है. कुछ समय पहले कंपनी ने यूजर्स को एडिट पोस्ट, Following आदि फीचर्स दिए हैं.

नए फीचर्स के आने के बाद थ्रेड्स ट्विटर की तरह कुछ हद तक होने लगा है. हालांकि अभी भी दोनों में काफी अंतर है. सितंबर की शुरुआत तक थ्रेड्स के 130 मिलियन यूजर्स थे, वहीं ट्विटर के एक्टिव यूजर्स 500 मिलियन के पार हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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