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‘ऐसी लड़ाई वाली कोई फिल्म पहले कभी नहीं देखी…’, ‘फाइटर’ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन देख बोले ऋतिक रोशन

Fighter Worldwide Collection: ऋतिक रोशन स्टारर एरियल एक्शन ‘फाइटर’ 25 जनवरी को थिएटर्स में रिलीज हुई थी. फिल्म शुरुआत से ही बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है. अब फिल्म को रिलीज हुए 19 दिन हो चुके हैं और फिल्म अब तक हर रोज करोड़ो कमा रही है. घरेलू बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ फिल्म वर्ल्डवाइड भी धमाल मचा रही है.

‘फाइटर’ का दर्शकों में क्रेज बना हुआ है. शाहिद कपूर की फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया के रिलीज के बाद भी ऋतिक रोशन की फिल्म पर कोई असर नहीं हुआ है. ‘फाइटर’ ने 18 दिनों में दुनियाभर में 337 करोड़ रुपए का शानदार कलेक्शन कर लिया है. ऋतिक रोशन ने फिल्म की वर्ल्डवाइड धुआंधार कमाई शेयर करते हुए अपनी खुशी जाहिर की है.

‘तुम पर गर्व है ‘फाइटर’!’
ऋतिक रोशन ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर ‘फाइटर’ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन शेयर करते हुए ‘फाइटर’ पर गर्व होने की बात कही है. ऋतिक ने लिखा- ‘इस तरह की लड़ाई वाली कोई फिल्म पहले कभी नहीं देखी! तुम पर गर्व है ‘फाइटर’!’

अपनी इस फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब ऋतिक रोशन
बता दें कि ‘फाइटर’ के 337 करोड़ के कलेक्शन के साथ ऋतिक रोशन अपनी ही फिल्म ‘बैंग-बैंग’ का वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बेहद करीब हैं. साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म ‘बैंग-बैंग’ ने दुनियाभर में 340 करोड़ रुपए कमाए थे.

भारत में पार करेगी 200 करोड़ का आंकड़ा?
सिद्धार्थ आनंद के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘फाइटर’ घरेलू बॉक्स ऑफिस पर भी 200 करोड़ का आंकड़ा पार करने के बेहद करीब है. फिल्म ने अब तक 198 करोड़ कमा लिए हैं. फिल्म में ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण लीड रोल में हैं. वहीं अनिल कपूर और करण सिंह ग्रोवर भी फिल्म का हिस्सा हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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