बॉलीवुड और मनोरंजन

जब ‘मैंने प्यार किया’ के पोस्टर शूट के दौरान प्रेगनेंट थीं भाग्यश्री, सलमान ने ऐसे किया था मजाक

Maine Pyar Kiya: भाग्यश्री ने सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया से बॉलीवुड में डेब्यू किया. फिल्म में उनके साथ सलमान खान दिखाई दिए थे. दोनों की जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आई थी और फिल्म भी जबरदस्त हिट हुई थी. हाल ही में भाग्यश्री ने खुलासा किया कि वे सलमान खान के साथ मैंने प्यार किया के पोस्टर की शूटिंग के दौरान प्रेगनेंट थीं और ये एक राज था. ऐसे में सलमान खान ने उनके वेट को लेकर कमेंट भी किया था.

भाग्यश्री हिमालय दासानी के साथ रिलेशनशिप में थीं. अपनी पहली फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ की सक्सेस के बाद भाग्यश्री ने शादी भी कर ली. राइजिंग स्टार्स किताब के लिए रश्मी उचिल को दिए एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने रिवील किया कि उनकी प्रेगनेंसी के बारे में किसी को नहीं पता था और उनकी बॉडी को देखते हुए सलमान ने कहा था कि शादी के बाद वह ‘मोटी’ हो गई हैं.

‘शादी के बाद मोटी हो गई हो’
भाग्यश्री ने कहा- ‘जब मशहूर फोटोग्राफर गौतम राजदक्ष्य ने मैंने और मेरे साथ मैंने प्यार किया के पोस्टर के लिए फोटोशूट किया था, तब मैं 5 महीने की प्रेगनेंट थी. कोई नहीं जानता था. मुझे याद है कि सलमान ने मुझसे कहा था, शादी के बाद मोटी हो गई हो.’ भाग्यश्री ने आगे ये भी कहा कि उनकी शादी और बच्चे होने के बाद उनकी एक्टिंग और फिल्में ठंडे बस्ते में चली गईं. 

उन्होंने कहा कि जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं, तो शुरुआती फेज में, एक बच्चे को अपने पेरेंट्स और खास तौर पर अपनी मां के आसपास रहने से जिस तरह का जुड़ाव, जिस तरह की नींव, जिस तरह की मेंटल और इमोशनल सिक्योरिटी मिलती है, वह हर चीज से बढ़कर होती है. भाग्यश्री का कहना है कि ये उनके लिए सबसे अहम था.

बरसों बाद एक साथ दिखे भाग्यश्री-सलमान
बता दें कि भाग्यश्री और सलमान खान एक बार फिर फिल्म ‘किसी का भाई किसी का जान’ के जरिए एक साथ बड़े पर्दे पर दिखाई दिए थे. इसके अलावा भाग्यश्री अपने पति हिमालय के साथ नच बलिए के पिछले सीजन में भी नजर आई थीं.

ये भी पढ़ें: Animal Box Office Collection Day 22: ‘सालार’ ने किया ‘एनिमल’ का काम तमाम! थर्ड फ्राइडे सिर्फ इतनी हो सकी फिल्म की कमाई, जानें कलेक्शन

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button