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400 करोड़ के करीब पहुंची सनी देओल की ‘गदर 2’, बॉक्स ऑफिस पर कर रही है ताबड़तोड़ कमाई

Gadar 2 Box Office Collection Day 11: सनी देओल (Sunny Deol) की फिल्म गदर 2 (Gadar 2) बॉक्स ऑफिस पर रुकने का नाम नहीं ले रही है. वीकडे में भी ये फिल्म शानदार कमाई कर रही है. गदर 2 को रिलीज हुए दो हफ्ते हो गए हैं और ये फिल्म अब 400 करोड़ के क्लब में शामिल होने के लिए तैयार है. तारा सिंह और सकीना की केमिस्ट्री इस बार भी लोगों का दिल जीतने में कामयाब हुई है. गदर 2 का ग्यारहवे दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सामने आ गया है. जिसे देखकर हर कोई चौंक गया है.

गदर 2 को 300 करोड़ के क्लब में शामिल होने में ज्यादा समय नहीं लगा था. दूसरे वीकेंड से पहले ही फिल्म इस क्लब में एंट्री कर चुकी थी. 8 दिनों में गदर 2 ने 300 करोड़ का आंकड़ा छू लिया था. बॉलीवुड पर लंबे समय के बाद किसी फिल्म को इतना हिट होते देखा गया है. रोजाना इसके बढ़ते आंकड़े लोगों को चौंका ही रहे हैं.

11वें दिन किया इतना कलेक्शन
गदर 2 का 11वें दिन का अर्ली कलेक्शन सामने आ गया है. सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक गदर 2 ने 11वें दिन करीब 14 करोड़ का कलेक्शन किया है. जिसके बाद फिल्म का टोटल कलेक्शन 389.10 करोड़ हो जाएगा. फिल्म को 400 करोड़ का आंकड़ा छूने में अब ज्यादा समय नहीं लगने वाला है. उम्मीद की जा रही है ये कल तक इस क्लब में भी एंट्री कर जाएगी.

पहले हफ्ते में की इतनी कमाई
गदर 2 के कलेक्शन की बात करें तो फिल्म ने पहले हफ्ते में 284.63 करोड़ का कलेक्शन कर लिया था. इस फिल्म ने 15 अगस्त पर सबसे ज्यादा कमाई की थी. गदर 2 ने 15 अगस्त के दिन 55.4 करोड़ का बिजनेस किया था. जो कई रिकॉर्ड तोड़ने वाला था.

गदर 2 की बात करें तो ये साल 2001 में आई फिल्म की सीक्वल है. इसे अनिल शर्मा ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में सनी देओल और अमीषा पटेल के साथ उत्कर्ष शर्मा और मनीष वाधवा अहम किरदार निभाते नजर आए हैं. मनीष फिल्म में विलेन बने हैं और उनके काम की खूब तारीफ हो रही है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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