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VI-Jio और Airtel…तीनों का सबसे महंगा प्रीपेड प्लान कितने का है? बेस्ट ये रहा

Best prepiad plan: टेलिकॉम इंडस्ट्री में इस वक़्त सबसे बड़ा यूजरबेस रिलायंस जियो का है. इसके बाद एयरटेल और फिर वोडाफोन-आइडिया का नंबर है. जियो और एयरटेल देश में 5G नेटवर्क रोलआउट कर चुके हैं जबकि VI अभी भी फंड्स के चलते 5G नेटवर्क लॉन्च नहीं कर पाया है. आह हम आपको तीनों ही टेलिकॉम ऑपरेटर के सबसे महंगे प्रीपेड प्लान के बारे में बताने वाले हैं. साथ ही इनके साथ मिलने वाले बेनिफिट्स के बारे में भी बताएंगे.

जियो-एयरटेल और VI का सबसे महंगा प्रीपेड प्लान 

जियो की बात करें कंपनी का सबसे महंगा प्रीपेड प्लान 2,999 रुपये का है. इसमें कंपनी हर दिन 2.5GB इंटरनेट, 100 एसएमएस और अनलिमिटेड कॉलिंग का लाभ 365 दिन यानि 1 साल के लिए देती है. इसके अलावा 75GB इंटरनेट अलग से कंपनी देती है. साथ में जियो टीवी, जियो सिनेमा और जियो क्लाउड का भी सब्सक्रिप्शन दिया जाता है.

एयरटेल का सबसे महंगा प्रीपेड प्लान 3,359 रुपये का है. इसमें कंपनी हर दिन 2.5GB इंटरनेट, 100 एसएमएस और अनलिमिटेड कॉलिंग का लाभ 365 दिनों के लिए देती है. इसके अलावा प्लान में डिज्नी प्लस हॉटस्टार का मोबाइल सब्सक्रिप्शन एक साल के लिए फ्री मिलता है.

वोडाफोन आइडिया के 3,099 रुपये के प्लान में  कंपनी 365 दिनों के लिए हर दिन 2GB इंटरनेट,100 एसएमएस और अनलिमिटेड कॉलिंग का लाभ देती है. इसके अलावा ग्राहकों को एक साल के लिए डिज्नी प्लस हॉटस्टार का मोबाइल सब्सक्रिप्शन, हर महीने एडिशनल 2GB बैकअप डेटा और रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक अनलिमिटेड डेटा और सोमवार से लेकर शुक्रवार तक बचा हुआ डेली डाटा शनिवार और रविवार के लिए रोलओवर होता है.

कौन-सा है बेस्ट?

हमारे हिसाब से जियो का प्लान सबसे बेस्ट है क्योकि इसमें कंपनी कम पैसो में सभी फायदे दे रही है. जियो सिनेमा अब एक पॉपुलर OTT बन चुका है और इसमें हर हफ्ते नई मूवीज आ रही हैं. जियो के बाद VI का प्लान बेस्ट है. इसमें कंपनी आपको कई सारे फायदे दे रही है जो दूसरे टेलिकॉम ऑपरेटर ऑफर नहीं करते. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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