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‘बेटी अथिया को दी जाती हैं गालियां,’ सोशल मीडिया यूजर्स पर सुनील शेट्टी ने निकाली भड़ास

Suniel Shetty On Athiya Shetty: हिंदी सिनेमा के दमदार कलाकारों का जिक्र किया जाए तो उसमें सुनील शेट्टी (Suniel Shetty ) का नाम हमेशा शामिल रहेगा. कमाल की एक्टिंग और बेबाक अंदाज को लेकर सुनील काफी जाने जाते हैं. इस बीच सुनील शेट्टी ने सोशल मीडिया से जिंदगी में पड़ने वाले प्रभाव को लेकर खुलकर बात की है. सुनील शेट्टी ने बताया है कि उनकी बेटी और बी टाउन की एक्ट्रेस अथिया शेट्टी (Athiya Shetty) को गालियां दी जाती हैं, जिसकी वजह से उनको काफी बुरा लगता है. 

सोशल मीडिया को लेकर सुनील शेट्टी ने कही ये बात 

हाल ही में सुनील शेट्टी द रणबीर शो में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान सुनील शेट्टी से मॉर्डन एरा में सोशल मीडिया को बढ़ते क्रेज और प्रभाव को लेकर सवाल पूछा गया. इस पर सुनील शेट्टी ने बेबाक तरीके से जवाब देते हुए कहा है कि- ‘सोशल मीडिया आपके जीवन को नष्ट कर सकता है. कभी-कभी मैं इसके कारण ज्यादा बात करने से डरता हूं. आज के सोशल मीडिया के जमाने में प्राइवेसी नहीं हैं. ये आपकी जिंदगी को बुरी तरह तबाह भी कर सकता है. एक वाक्य को 15 बार अलग-अलग तरीकों से संपादित किया जाता है. जिसके चलते मुझे काफी डर लगता है.’ 


बेटी अथिया को लेकर बोले सुनील शेट्टी

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सुनील शेट्टी (Suniel Shetty ) ने कहा है कि- ‘हमें डिप्लोमैटिक होने के लिए काफी मजबूर किया गया है. आप मुझे किस चीज के लिए पीट रहे हैं, जो काम मैंने किया ही नहीं है और मुझे कौन मार रहा है, ये भी कोई नहीं जानता है. जिसे मैं ट्विटर या फेसबुक पर भी नहीं जानता. मेरी फैमिली को गाली देना, मेरी बेटी (अथिया शेट्टी) को गालियां देना. ये सब देखकर मुझे काफी दुख होता है. क्योंकि मैं थोड़ा ओल्ड स्कूल टाइप शख्स हूं.’  बता दें कि आने वाले समय में सुनील शेट्टी फिल्म ‘हेरा फेरी 3’ (Hera Pheri 3) में नजर आएंगे. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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