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Yeh Rishta Kya Kehlata Hai Spoiler: टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में इन दिनों जबरदस्त इमोशनल ड्रामा चल रहा है। सीरियल में अभिनव की मौत का इल्जाम अभिमन्यु पर लगा है, लेकिन अभि के सपोर्ट में अक्षरा आ गई है। इससे कहानी एक बार फिर पलट गई है। प्रणाली राठौड़ (Pranali Rathod) और हर्षद चोपड़ा स्टारर इस सीरियल के बीते एपिसोड में देखने के लिए मिला था कि अक्षरा कोर्ट में अभिमन्यु की वकील बनकर पेश होती है और वह जज के सामने कई ऐसी दलीलें रखती हैं, जिससे अभिमन्यु का केस मजबूत होता है। सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में अक्षरा अभिमन्यु के पक्ष में एक ऐसा सबूत पेश करेगी, जिसे देख सब चौंक जाएंगे।

कोर्ट में घटना का असली वीडियो दिखाएगी अक्षरा

टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) के अपकमिंग एपिसोड में कोर्ट की कार्रवाई शुरू होती है। तब अक्षरा अभिमन्यु की बेगुनाही का एक बड़ा सबूत पेश करती है। वह शैफाली बिड़ला के फोन से बना एक वीडियो सबको दिखाती है, जो अभिमन्यु और अभिनव का पहाड़ी के समय का था। इस वीडियो में साफ दिखता है कि अभिमन्यु अभिनव का बचाने की कोशिश करता है। इसके बाद सीरियल में फ्लेशबेक में दिखाया जाता है कि कैसे शैफाली के फोन से ये वीडियो बन गया।

अभिमन्यु के पक्ष में आएगा फैसला

सीरियल में आगे देखने के लिए मिलेगा कि अभिमन्यु और अभिनव का वीडियो देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। इस दौरान जज अक्षरा से सवाल भी करते हैं कि उन्होंने ये वीडियो पहले क्यों नहीं दिखाया? तब अक्षरा बताती है कि उसके हाथ ये वीडियो पहले नहीं लगा था। तमाम दलीलों के बाद कोर्ट की तरफ से अभिमन्यु के पक्ष में फैसला सुनाया जाता है। कोर्ट की तरफ से अभिनव की मौत को एक हादसा करार दिया जाता है और अभिमन्यु को बाइज्जत बरी किया जाता है। इसके बाद अक्षरा बड़े पापा को भी समझा देती है कि अभिमन्यु ने अभिनव को नहीं मारा, लेकिन सुरेखा और मुस्कान, अभिमन्यु को ही अभिनव की मौत का जिम्मेदार मानती है।

देखें वीडियो

अभिमन्यु से नहीं मिलेगा अबीर

ये ‘रिश्ता क्या कहलाता है’ में देखने के लिए मिलेगा कि अभिमन्यु की रिहाई से मंजरी काफी खुश होती है। अभिमन्यु जेल से निकलकर अबीर से मिलने गोयनका हाउस जाता है, लेकिन अबीर अपने पिता से मिलने के लिए मना कर देता है। अक्षरा और अभिमन्यु, अबीर को पूरे घर में ढूंढते हैं। वह दोनों को कहीं नहीं मिलते हैं।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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