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मुकेश अंबानी के घर पूरी फैमिली के साथ शाहरुख ने मारी एंट्री, सुहाना के लुक से इंप्रेस हुए फैंस

Shah Rukh Khan Family Video: गणेश चतुर्थी का त्योहार अंबानी फैमिली धूमधाम से मनाती है. उनके घर पर जोर-शोर से इसे सेलिब्रेट किया जाता है. मंगलवार को गणेश चतुर्थी के मौके पर मुकेश अंबानी के घर गणेश उत्सव सेलिब्रेट किया गया जिसमें बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों ने शिरकत की थी. सलमान खान (Salman Khan) से लेकर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) तक कई सेलेब्स अपने परिवार के साथ फंक्शन में पहुंचे थे. शाहरुख खान भी अपनी फैमिली के साथ पहुंचे थे. उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. शाहरुख खान के साथ गौरी, छोटे बेटे अबराम, सुहाना खान पहुंचे थे.

शाहरुख खान का अंदाज हर बार की तरह एकदम अलग था. जवान की सक्सेस के बाद शाहरुख पब्लिक इवेंट का हिस्सा बन रहे हैं और खास बात ये है कि वह फोटोग्राफर्स के सामने पोज भी दे रहे हैं. शाहरुख ने पूरी फैमिली के साथ फोटोज भी क्लिक कराईं.

सुहाना को लेकर प्रोटेक्टिव दिखे शाहरुख
शाहरुख खान का फैमिली के साथ वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक तरफ वह अबराम का हाथ पकड़कर चल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सुहाना प्रोटेक्टिव दिख रहे हैं. एक फैन ने कमेंट किया- हर पिता इस दुनिया में अपनी बेटी के लिए प्रोटेक्टिव होते हैं, चाहे वो गरीब या फिर पैसे वाला, शाहरुख खान ही क्यों ना हो. वहीं दूसरे ने लिखा-कोई भी किंग खान की तरह नहीं है.

ऐसे लुक में दिखी खान फैमिली

शाहरुख खान के लुक की बात करें तो वह वाइन कलर के कुर्ते में नजर आए. वहीं अबराम की बात करें तो उन्होंने पेस्टल ब्लू कलर का कुर्ता पहना था. सुहाना के लुक की बात करें तो उन्होंने ऑफ व्हाइट कलर का सूट पहना था. जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. सुहाना का लुक देखकर फैंस दीवाने हो गए हैं. ट्रेडिशनल आउटफिट में सुहाना बेहद खूबसूरत लग रही थीं. फैंस उनकी तारीफ करते नहीं रुक रहे हैं.

वर्कफ्रंट की बात करें तो शाहरुख खान की जवान बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. ये फिल्म इंडिया में 500 करोड़ के क्लब में शामिल हो चुकी है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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