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Google का AI चैटबॉट जीमेल, यूट्यूब पर करेगा सपोर्ट, जानिए इससे यूजर्स को कैसे होगा फायदा

Google AI chatbot : गूगल ने अनाउंस कर दिया कि अब उसके एआई चैटबॉट का इस्तेमाल जीमेल और यूट्यूब कर सकते हैं, आपको बता दें गूगल ने हाल ही में सर्च जेनरेटिव एआई की भी शुरुआत की है, जिसे एआई चैटबॉट की टेस्टिंग के रूप में देखा जा रहा था.

इसके कुछ समय बाद ही गूगल ने घोषणा की है, जिसमें उसने कहा कि जीमेल, डॉक्स, ड्राइव, गूगल मैप, यूट्यूब और गूगल फ्लाइट्स सहित अन्य गूगल एप्स और सर्विस के लिए एआई चैटबॉट का इस्तेमाल किया जा सकेगा. आइए जानते हैं गूगल की इस पहल से यूजर्स को कितना फायदा होगा.

गूगल सर्विस में मिलेगा बार्ड का सपोर्ट

गूगल ने कुछ समय पहले ही एआई चैटबॉट बार्ड को पेश किया है, ये गूगल का सबसे पावरफुल एआई मॉडल है. जिसकी सभी सर्विस को गूगल इंटीग्रेट करने की तैयारी कर रहा है. गूगल का इसके पीछे तर्क है कि बार्ड के द्वारा सभी एप्स को इंटीग्रेट करने से इनपुट टेक्स्ट क्वेरी करने पर कहीं से भी डेटा लिया जा सकेगा. वहीं गूगल ने कहा कि बार्ड अपने रिस्पॉन्स को कस्टमाइज करने में सक्षम होगा, जिससे यूजर्स को सटीक उत्तर मिल सकेंगे.

गूगल ने बार्ड एक्सटेंशन किया लॉन्च

गूगल ने हाल ही में एआई चैटबॉट बार्ड एक्सटेंशन लॉन्च किया है, जिसमें जीमेल, डॉक्स, ड्राइव, गूगल मैप, यूट्यूब और गूगल फ्लाइट्स और होटल को गूगल टूल से सर्च करने पर इंट्रीग्रेटेड जानकारी मिलेगी. गूगल की ये सर्विस फिलहाल अंग्रेजी में उपलब्ध है.

यूजर्स को क्या होगा फायदा 

गूगल के इस विस्तार से यूजर्स को कई फायदे होंगे. उदाहरण के लिए आप किसी अनजान शहर में घूमने का प्लान कर रहे हैं तो एआई चैटबॉट बार्ड आपको वहां के मौसम से लेकर ट्रैफिक और होटल सहित सभी जानकारी टेक्स्ट और वीडियो के जरिए देगा, जिसके जरिए आप अपनी यात्रा को सुखद बना सकेंगे.

यूजर्स डाटा रहेगा सुरक्षित

गूगल का कहना है कि उपयोग किए गए डाटा को मानव रिव्यूअर्स द्वारा एक्सेस नहीं किया जाएगा और न ही बार्ड द्वारा विज्ञापन दिखाने के लिए या बार्ड मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किया जाएगा. यूजर्स के पास यह निर्णय लेने का विकल्प भी है कि वे इन एक्सटेंशन का उपयोग कैसे करना चाहते हैं या किसी भी समय उन्हें बंद कर देना चाहते हैं. यानी यूजर्स बार्ड एक्सटेंशन को बंद भी कर सकते हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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