बॉलीवुड और मनोरंजन

सारा अली खान ने अपनी लग्जरी कार छोड़कर मेट्रो में किया सफर, कहा- ‘मुंबई मेरी जान’

Sara Ali Khan Travels In Metro: बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान (Sara Ali Khan) को घूमने का बहुत शौक है. वह अपने काम से ब्रेक लेकर अक्सर कहीं ना कहीं घूमने के लिए निकल जाती हैं. इस बीच सारा अली खान ने अपनी लग्जरी कार को छोड़कर मेट्रो में सफर किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह मेट्रो में सफर करती नजर आ रही हैं.

मुंबई मेट्रो में उठाया सफर का लुत्फ

सारा अली खान ने इंस्टा स्टोरी पर अपना एक बूमरैंग वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह मुंबई मेट्रो में सफर का लुत्फ उठाती हुई दिख रही हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि सारा अली खान मेट्रो के अंदर सीट पर बैठी हुई हैं और कैमरे की तरफ मुस्कुराकर देखते हुए हाय कर रही हैं. कैप्शन में लिखा, ‘मुंबई मेरी जान’. इसके साथ ही उन्होंने एक हार्ट इमोजी भी बनाई है. वीडियो के बैकगाउंड में ‘इन दिनों’ गाना सुनाई दे रहा है.

मेट्रो इन दिनों फिल्म में दिखेंगी सारा

मालूम हो कि सारा अली खान फिल्म मेट्रो इन दिनो में नजर आएंगी, जिसमें उनकी जोड़ी आदित्य रॉय कपूर के साथ दिखेगी. फिल्म का डायरेक्शन अनुराग बासु कर रहे हैं. इस फिल्म में सारा और आदित्य के अलावा अनुपम खेर, फातिमा सना शेख, अली फजल, पंकज त्रिपाठी, कोंकणा सेन शर्मा और नीता गुप्ता नजर आएंगी. 

सारा अली खान की अपकमिंग फिल्में

बताते चलें कि सारा अली खान (Sara Ali Khan)  और आदित्य रॉय कपूर (Aditya Roy Kapoor) की फिल्म मेट्रो इन दिनो 8 दिसंबर, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. इसके अलावा सारा अली खान के पास ऐ वतन मेरे वतन फिल्म है, जिसमें वह एक फ्रीडम फाइटर के किरदार में दिखेंगी. ये फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर दस्तक देगी. पिछली बार सारा अली खान फिल्म गैसलाइट में दिखी थीं, जिसमें उन्होंने विक्रांत मैसी के साथ काम किया था. 

यह भी पढ़ें-कपिल शर्मा शो में एंट्री लेते ही कृष्णा अभिषेक के बदले सुर, अर्चना पूरन को किया टीज, बोले- ‘सिद्धू जी भी आने वाले हैं’

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button