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Lava Blaze Curve 5G की लॉन्च डेट आई सामने, कम कीमत में मिलेगा कर्व्ड डिस्प्ले वाला फोन

Lava Blaze Curve 5G: भारत की स्मार्टफोन कंपनी लावा ने आखिरकार अपने अपकमिंग स्मार्टफोन Lava Blaze Curve 5G की लॉन्च डेट का ऐलान आखिरकार कर दिया है. इस फोन की चर्चाएं पिछले कई हफ्तों से सोशल मीडिया पर हो रही थी, लेकिन अब इस फोन की लॉन्च डेट भी सामने आ गई है. आइए हम आपको लावा के इस अपकमिंग फोन के बारे में पता चली अभी तक की सभी डिटेल भी बताते हैं.

Lava Blaze Curve 5G की लॉन्च डेट आई सामने

लावा अपने इस मेड इन इंडिया फोन Lava Blaze Curve 5G को 5 मार्च को लॉन्च करने वाली है. कंपनी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए इस फोन की लॉन्च डेट का खुलासा किया है. लावा ने अपने इस फोन का एक टीज़र लॉन्च किया है, जिससे पता चलता है कि यह फोन 5 मार्च की दोपहर 12 बजे लॉन्च किया जाएगा. इसके अलावा यह फोन अमेज़न पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा.

Lava Blaze Curve 5G के रिलीज टीज़र में दिख रहा है कि यह फोन एक कर्व्ड डिस्प्ले के साथ आएगा. फोन के राइट साइड में पॉवर बटन और वॉल्यूम रॉकर्स होंगे. हाल ही में इस इस फोन की लाइव इमेज और कुछ स्पेसिफिकेशन्स का भी खुलासा हुआ था. लीक रिपोर्ट के मुताबिक इस फोन में 120Hz रिफ्रेश रेट वाला AMOLED डिस्प्ले दिए जाने की उम्मीद है. इस फोन के पिछले हिस्से में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसका मेन कैमरा 64MP का होगा.

इस फोन के संभावित स्पेसिफिकेशन्स

इस फोन में प्रोसेसर के लिए  MediaTek Dimensity 7050 चिपसेट दी जाएगी. एक लीक रिपोर्ट के मुताबिक इस फोन में AuTuTu बेंचमार्क टेस्ट में 5,50,000 स्कोर किया था. कंपनी इस फोन के दो वेरिएंट पेश कर सकती है. इसका पहला वेरिएंट 8GB + 128GB स्टोरेज और दूसरा वेरिएंट 8GB + 256GB स्टोरेज का है. इस फोन में 5000mAh की बैटरी हो सकती है, जो 18W के फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आ सकता है. इस फोन की असली कीमत का पता तो 5 मार्च को ही चलेगा, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस फोन की कीमत 16,000 से 19,000 रुपये के बीच में हो सकती है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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