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‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ के हिट होने पर गगन गेव रियार ने कही ये बात

Gagan Dev Riar Interview: ओटीटी पर हर दिन कोई न कोई बेहतरीन फिल्में और सीरीज रिलीज हो रही है। हाल ही में हंसल मेहता की हिट वेब सीरीज ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ (Scam 2003 The Telgi Story) का दूसरा पार्ट रिलीज हुआ। इस सीरीज को लोगों ने जबरदस्त रिस्पॉन्स दिया है। यह सीरीज घोटालेबाज अब्दुल करीम तेलगी पर बेस्ड है। इसमें गगन देव रियार (Gagan Dev Riar) लीड रोल में हैं। इस बीच गगन देव रियार ने बॉलीवुड लाइफ (Bollywoodlife) से खास बातचीत की है, जिसमें उन्होंने एक से बढ़कर एक खुलासे किए हैं।

गगन देव रियार ने कही ये बात

हंसल मेहता की वेब सीरीज ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ (Scam 2003 The Telgi Story) में गगन देव रियार ने जबरदस्त एक्टिंग की है। गगन की इस सीरीज को लोगों ने काफी प्यार दिया है। गगन देव रियार ने बताया कि उन्हें पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ था कि उन्हें लीड के लिए अप्रोच किया गया है। गगन ने कहा, हंसल मेहता और मेकर्स ने मुझपर विश्वास किया इसलिए मुझे अपना 100 % देना था। मैंने बस अपना काम किया बाकी लोगों ने इसे पसंद किया ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। बता दें कि गगन देव रियार ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया हैं। इस लिस्ट में फिल्म सोनचिड़िया का नाम शामिल है। इस मूवी में गगन देव ने सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम किया था। गगन ने बताया कि उनकी सुशांत से कुछ खास दोस्ती नहीं थी बस काम को लेकर उनकी और सुशांत की बातचीत होती थी। गगन ने कहा कि काम के मामले में सुशांत परफेक्ट थे। उनसे गगन को काफी कुछ सीखने को मिला था।

गगन देव ने शानदार एक्टिंग के लिए जीता था ये अवॉर्ड

गगन देव रियार (Gagan Dev Riar) अपनी शानदार एक्टिंग के लिए मशहूर हैं। ‘पिया बेहरूपिया’ नाटक में सर टोबी बेल्च का किरदार निभाने के लिए गगन देव को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का मेटा पुरस्कार मिला था। बताते चलें कि एक्टिंग के अलावा वो एक लेखक, निर्देशक और थिएटर कलाकार के रूप में भी काम करते हैं।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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