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AI ने बदला इन बॉलीवुड स्टार्स का जेंडर

Shabana Azmi Tweet: बॉलीवुड एक्ट्रेस अदा शर्मा की फिल्म द केरल स्टोरी हाल ही में रिलीज हुई है। फिल्म को लेकर पूरे देश में विवाद छिड़ गया है। जहां कुछ लोग इस मूवी को काफी पसंद कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। बॉक्स ऑफिस पर द केरल स्टोरी छा गई है। रिपोर्ट्स की मानें तो अबतक फिल्म ने करीब 35 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। इसी बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी ने एक ट्वीट किया है जो कि इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस ट्वीट को करते हुए शबाना आजमी ने द केरल स्टोरी का विरोध करने वालों पर तंज कसा है।

द केरल स्टोरी के सपोर्ट में उतरीं शबाना आजमी

द केरल स्टोरी रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई थीं। के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही उसे सिनेमाघरों में पहुंचने से रोकने के लिए भी कोर्ट में अर्जी दी गई थी। हालांकि कोर्ट ने इसपर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया था। इस बीच शबाना आजमी ने द केरल स्टोरी को सपोर्ट करते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, जो लोग द केरल स्टोरी पर रोक लगाने की बात करते हैं, वे उतने ही गलत है, जितने कि वह आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा पर बैन लगाना चाहते थे। एक बार किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से सर्टिफिकेट मिल जाता है तो फिर किसी भी दूसरे कॉन्स्टिट्यूशन अथॉरिटी का कोई रोल नहीं रह जाता। शबाना आजमी के इस ट्वीट पर लोग जमकर रिएक्ट कर रहे हैं।

जल्द ही 50 करोड़ का आकड़ा पार करने वाली है द केरल स्टोरी

बताते चलें कि द केरल स्टोरी में अदा शर्मा ने शानदार एक्टिंग की है। उन्होंने इस मूवी में अपनी जान फूंक दी है। बता दें कि अदा खुद भी केरल से ताल्लुक रखती हैं इसी वजह से वो उन लड़कियों के दर्द को बेहतर समझ पाई जिनका जबरन धर्मांतरण करवा कर आतंकवाद की आग में झोंक दिया गया था। वहीं फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की है। बताया जा रहा है कि द केरल स्टोरी जल्द ही 50 करोड़ का आकड़ा पार करने वाली है।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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