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शाहरुख के फैंस के लिए नई सौगात, ‘जवान’ का धमाकेदार थीम सॉन्ग रिलीज! फैंस ने दिया ऐसा रिएक्शन

Shahrukh Khan Jawan Theme Song Out Now: दर्शक शाहरुख खान की एक झलक भर पाने को हमेशा बेकरार दिखते हैं. और अब जब किंग खान की ‘जवान’ रिलीज के लिए तैयार है, तो उनके फैन्स के एक्साइटमेंट लेवल का अंदाजा आप सब लगा सकते हैं.

पहले पोस्टर्स फिर टीजर ने फैंस के बीच मचाई धूम

इस फिल्म ने पहले ही अपने दिलचस्प पोस्टर और एक छोटे से अनाउंसमेंट टीजर के साथ लोगों के मन में फिल्म देखने की चाह पैदा कर दी थी, पर हाल ही में आए जवान के शानदार प्रीव्यू में शाहरुख खान के डिफरेंट लुक्स और नेवर सीन बिफोर अवतार की झलक ने इसे एक अलग लेवल पर पहुंचा दिया. प्रीव्यू ने सभी का खूब ध्यान खींचा जिसमें फिल्म की शानदार कास्ट से लेकर जबरदस्त एक्शन तक को लोगों का प्यार मिला.

अब सामने आया है ‘जवान’ का थीम सॉन्ग

इसके अलावा प्रीव्यू में एक और चीज़ जिसने सभी का ध्यान खींचा, वह है इसका बैकग्राउंड म्यूजिक, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. फैन्स और दर्शक बेसब्री से थीम सॉन्ग के रिलीज होने का इंतजार करने लगे,जो अब खत्म हो गया है.

जी हां, मेकर्स ने सभी की डिमांग को ध्यान में रखते हुए आखिरकार जवान का थीम सॉन्ग रिलीज कर दिया है, जिसे अनिरुद्ध रविचंद्रन ने कंपोज किया हैं और राजा कुमारी ने गाया हैं.

इस थीम सॉन्ग को भी सभी का बहुत प्यार मिल रहा है और जिसने एक बार फिर फिल्म में उनकी दिलचस्पी बढ़ा दी है.


अगर आप भी शाहरुख खान के बड़े फैन हैं और फिल्म जवान का बेसब्री से इंतजार कर रहे रहे हैं तो याद दिला दें कि सुपरस्टार  एसआरके की फिल्म 7  सितंबर को सिनेमाघरों में आ रही है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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