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WhatsApp पर स्पैम कॉल से हैं परेशान! होते हैं इरिटेट! आ गया इसका सॉलिड इलाज, समझें पूरी बात

क्या आप भी मैसेंजर ऐप व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर ढेरों अनचाहे आने वाले स्पैम कॉल से परेशान हैं? इनसे इरिटेशन होती है? कोई बात नहीं, अब आप इसका इलाज खुद कर सकते हैं. व्हाट्सऐप ने मंगलवार को एक नई सुविधा, Silence Unknown Callers की अनाउंसमेंट की. इससे यूजर्स किसी अननोन नंबर से इनकमिंग कॉल को ऑटोमैटिक तरीके से खुद म्यूट कर सकेंगे. एनेबल होने पर, ऐप ऑडियो और विजिबल अलर्ट सहित अननोन नंबरों से आने वाली कॉल के सभी संकेतों को साइलेंट कर देगा. हालांकि, कॉल लिस्ट पर कॉल दिखाई देंगे ताकि यूजर कोई जरूरी कॉल को मिस न करे.

ये कॉल रिंग नहीं करेंगे

व्हाट्सऐप (WhatsApp) ने एक बयान में कहा कि अज्ञात कॉलर्स को साइलेंट करने के लिए आपको ज्यादा प्राइवेसी और अपनी इनकमिंग कॉल पर कंट्रोल देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह स्पैम, स्कैम और अननोन लोगों से बढ़ी हुई सुरक्षा के लिए कॉल को ऑटोमैटिक तरीके से स्क्रीन करने में मदद करता है. ये कॉल रिंग नहीं करेंगे. नई सुविधा स्पैम कॉल (WhatsApp spam calls) में तेजी की रिपोर्ट के बाद आई है, जो खासतौर से भारतीय यूजर्स को प्रभावित करती है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, 11 मई को आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मंत्रालय इस मुद्दे पर व्हाट्सऐप को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में 
है.

स्पैम कॉल को 50 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम

खबर के मुताबिक, बाद में मेटा के ओनरशिप वाले प्लेटफॉर्म ने अनाउंसमेंट किया कि उसने इंटरनेशनल स्पैम कॉल से निपटने के लिए अपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) सिस्टम को बढ़ावा दिया है. इसमें कहा गया है कि सिस्टम स्पैम कॉल को 50 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम है. नई सुविधा के साथ, यूजर्स किसी भी स्पैम कॉल को कंपनी के एआई/एमएल फिल्टर द्वारा नहीं पकड़े जाने पर साइलेंट करा सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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