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विजयदशमी पर मां दुर्गा की भक्ति में लीन नजर आईं रानी मुखर्जी, देखें सिंदूर खेला का वीडियो

Rani Mukerji Sindoor Khela: आज पूरा देश मां दुर्गा की भक्ति में लीन है. देशभर में धूमधाम से दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है. बंगाल और महाराष्ट्र में इसकी धूम देखते बन रही है. बॉलीवुड सितारे भी विजयदशमी के पावन पर्व पर मां दुर्गा की भक्ति में मंत्रमुग्ध नजर आ रहे हैं. विजयदशमी के मौके पर रानी मुखर्जी, तनीषा मुखर्जी, रुपाली गांगुली, सुमोना चक्रवर्ती जैसी कई एक्ट्रेसेस को मां दुर्गा के रंग में रंगा देखा गया.

रानी मुखर्जी को नवरात्रि की शुरुआत होने के बाद से ही हर दिन इसका जश्न मनाते देखा गया है. विजयदशमी पर भी वे पारंपरिक लुक के साथ दिखाई दीं. उन्होंने मेहमानों को सिंदूर लगाकर उनका स्वागत किया और खुद उन्हें भी सिंदूर से रंगे हुए देखा गया. इस दौरान रानी ने जमकर सिंदूर खेला. इस दौरान एक्ट्रेन ने जमकर डांस भी किया. पंडाल से उनके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.


दुर्गा उत्सव पर दिखा रानी का बंगाली लुक
रानी के लुक की बात करें तो वे गोल्डन और रेड इंबॉयड्री वाली सिल्क साड़ी पहने दिखाई दीं. उन्होंने बंगाली स्टाइल में साड़ी पहनी थी. इसके साथ उन्होंने हाथों में कंगन और कानों में बड़े गोल्डन स्टड्स पहने थे. साथ ही रानी ने माथे पर लाल बिंदी लगाई थी और इस लुक के साथ अपने बाल खुले रखे थे. 

लाल साड़ी पहन दुर्गा पूजा मनाने पहुंचीं तनीषा
विजयदशमी के दौरान रानी मुखर्जी अपने चाचा के साथ भी डांस करती दिखीं. इसके अलावा महोत्सव में काजोल की बहन और एक्ट्रेस तनीषा मुखर्जी भी पहुंची थीं. तनीषा इस दौरान सुर्ख लाल रंग की बनारसी साड़ी पहने दिखाई दीं. इस लुक को उन्होंने स्लीवलेस ब्लाउज, हैवी गोल्डन जूलरी और रेड बिंदी के साथ कंपलीट किया. 

एक्ट्रेस ने मराठी स्टाइल में साड़ी पहनी थी जिसके साथ उन्होंने कमर पर बेल्ट भी बांधी हुई थी. इस लुक में तनीषा काफी खूबसूरत लग रही थीं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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