एशियाई गेम्स 2018 में मेडल जीतने के बाद भी, चाय की दुकान पर काम करने को मजबूर!

नई दिल्लीः इस साल 2018 जकार्ता में खेले गए 18वें एशियाई खेलों में भारत ने कुल 69 पदक जीते हैं। जिसमें 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य के साथ शामिल हैं। इन पदकों में एक पदक भारत के हरीश कुमार का भी है। हरीश ने सेपक टाकरा में पदक जीत कर भारत के लिए इतिहास रच दिया, लेकिन उनकी खुशी का यह समय बहुत जल्द ही बीत गया और इस खिलाड़ी को एक बार फिर अपनी असल जिंदगी में वापस लौटना पड़ा।
भारत को एशियाई खेलों में सेपक टाकरा में पहली बार जीत दिलाने वाला हरीश कुमार घर वापस लौट एक बार फिर से चाय बेचने पर मज़बूर हो गए हैं। दिल्ली में मजनू के टीला में रहने वाले हरीश कुमार यहां पर एक छोटी सी चाय की दुकान पर काम करते हैं। जहां पर ग्राहक उनको छोटू के नाम से बुलाते हैं।
हरीश बेहद गरीब परिवार से हैं जिनको अपने परिवार चलाने के लिए काम करना पड़ता है। हरीश जब पदक जीत कर भारत वापस लौटे थे उस समय उनके पड़ोसी उन्हें लेने के लिए पूरी बस लेकर पहुँचे थे।
उनकी इस जीत के पीछे उनके कोच हेमराज और उनके बड़े भाई नवीन का बड़ा हाथ है। हरीश के कोच उनके लिए स्टेडियम आने-जाने का किराया तक देते थे, ख़ुशी की बात ये है कि उन्होंने दोनों को ही निराश न करते हुए उनकी उम्मीदों पर खड़ा हुए और भारत के लिए पदक जीत कर एक नया इतिहास रच दिया।