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iPhone यूजर्स अब Hey Siri नहीं बल्कि ऐसे करेंगे वॉइस असिस्टेंट से बातचीत, कहना होगा ये वर्ड

Apple Hey Siri: अगर आप एक iPhone यूजर हैं तो आपने इसमें मिलने वाले Hey Siri फीचर का इस्तेमाल जरूर किया होगा. ये वॉइस असिस्टेंट फीचर लोगों को हैंड्स फ्री काम करने में मदद करता है. इस बीच खबर ये आ रही है कि एपल iPhone से वॉइस असिस्टेंट को एक्टिवेट करने के लिए Hey Siri को दूसरे वर्ड से रीप्लेस कर सकती है. यानि iPhone यूजर को अब Hey Siri  इसके लिए नहीं बोलना होगा. हालांकि ये अपडेट IOS 17 से लोगों को मिलना शुरू होगा लेकिन ये एक बड़ा अपडेट है क्योकि लम्बे समय से लोग iPhone पर इस फीचर का इस्तेमाल कर रहे थे और Hey Siri के आदि हो चुके थे.

सिर्फ ये वर्ड बोलना होगा 

ब्लूमर्ग के रिपोर्टर मार्क गुरमन के मुताबिक, एपल IOS 17 में वॉइस असिस्टेंट के लिए  Hey Siri  के बजाए केवल Siri शब्द का इस्तेमाल कर सकती है. यानि इस OS के आने के बाद लोगों को केवल Siri बोलना होगा और फिर जो भी वे चाहते हैं वो कमांड देनी होगी. पढ़ने में आपको भले ही ये एक छोटा चेंज लग रहा हो लेकिन कंपनी के लिए ये एक बड़ा चेंज हैं क्योकि सिर्फ एक शब्द से प्रांप्ट को समझना मुश्किल होता है और इसके लिए काफी AI ट्रेनिंग की जरूरत होती है. फिलहाल एपल ने अपने कुछ कर्मचरियों के लिए इसकी शुरुआत की है ताकि इसपर फीडबैक लिया जा सके और जरुरी बदलाव किए जा सके.

कल लॉन्च होगा IOS 17

कल से एपल का WWDC इवेंट शुरू होने वाला है जो 9 जून तक चलेगा. इस इवेंट में कंपनी कई चीजें पेश करेगी जिसमें से एक iPhone के लिए नया ऑपरेटिंग सिस्टम भी होगा. लीक्स की मानें तो IOS 17 कई सरे बदलावों के साथ आने वाला है जिसमें हेल्थ जर्नलिंग ऐप, बदला हुआ कंट्रोल सेंटर और बहुत कुछ नया होगा.

यह भी पढ़ें: Apple WWDC 2023: घर बैठे इस तरह देखें एपल का इवेंट, ये सब होगा लॉन्च 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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